GST के कारण भारत से परिधानों के निर्यात में गिरावट के आसार

Saturday, Oct 28, 2017 - 06:14 PM (IST)

नई दिल्ली: वस्त्र निर्यातकों ने संसदीय समिति के सामने वस्तु एवं सेवा कर लागू किए जाने के बाद उत्पन्न हुई समस्याओं को रखा है। साथ ही उन्होंने संकेत दिया है कि इससे भारत से परिधानों के निर्यात में गिरावट और रोजगार के नुक्सान के आसार हैं। परिधान निर्यात संवर्धन परिषद (ए.ई.पी.सी.) ने इस सप्ताह की शुरूआत में नरेश गुजराल की अध्यक्षता वाली वाणिज्य संबंधी संसदीय स्थायी समिति (राज्यसभा) के सामने प्रस्तुति दी थी। परिषद ने कर वापसी (टैक्स रिफंड) की प्रक्रिया जल्दी शुरू करने के लिए कहा है।

ए.ई.पी.सी. ने कहा कि कपास की खरीद की लागत में मशीनरी, बीज, उर्वरक, बिजली और डीजल पर लगने वाला कर तथा केंद्र या राज्य सरकार द्वारा लगाया गया शुल्क (बिजली सबसिडी, स्टाम्प शुल्क, संपत्ति कर और अन्य शुल्क) भी शामिल होता है। परिषद ने ई.पी.सी.जी. (निर्यात संवर्धन पूंजीगत माल) के तहत आयात पर एकीकृत जी.एस.टी. से छूट की सीमा को बढ़ाकर 31 मार्च, 2018 से 31 दिसम्बर, 2018 किए जाने की ओर भी समिति के सदस्यों का ध्यान आकॢषत किया है। निर्यात में कमी को रोकने के लिए ए.ई.पी.सी. ने सुझाव दिया कि निर्यातकों के हितों की रक्षा की खातिर प्रतिस्पर्धी विनिमय दर और रुपए के अभिमूल्यन को स्थिर किया जाना चाहिए।
 

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