GST में कटौती, कबाड़ नीति से वाणिज्यिक वाहन उद्योग को उबारने में मदद मिलेगी: अशोक लेलैंड

Sunday, Jun 07, 2020 - 02:28 PM (IST)

नई दिल्लीः माल एवं सेवा कर (जीएसटी) में कटौती तथा वाहन कबाड़ नीति लाने से वाणिज्यिक वाहन उद्योग को उबारने में मदद मिलेगी। अशोक लेलैंड के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) विपिन सोंधी ने यह बात कही। हिंदुजा समूह की कंपनी ने कहा कि उद्योग में काफी समय से सुस्ती है। कोरोना वायरस की मार से बाजार और प्रभावित हुआ है। ऐसे में चालू वित्त वर्ष में वाणिज्यिक वाहन बाजार धीरे-धीरे उबरेगा। 

सोंधी ने कहा कि निश्चित रूप से वाणिज्यिक वाहनों पर जीएसटी की दरों में कटौती से इस क्षेत्र को उबारने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा, ‘‘आप वाणिज्यिक वाहन उद्योग की ओर देखें तो यह देश का प्रमुख उद्योग है। इस पर 28 प्रतिशत का जीएसटी लगता है। उद्योग पहले से और अब भी जीएसटी दरों में कटौती की मांग कर रहा है। निश्चित रूप से यह एक प्रमुख मांग है।'' 

उन्होंने कहा कि इसके अलावा वाहन कबाड़ नीति से भी इस उद्योग को मदद मिलेगी। साथ ही ग्रामीण भारत में निवेश बढ़ाने से भी यह उद्योग आगे बढ़ेगा। यह पूछे जाने पर कि वाणिज्यिक वाहन बाजार में बिक्री की स्थिति चालू वित्त वर्ष में कैसी रहेगी, सोंधी ने कहा कि बुनियादी रूप से हम देखें तो वाणिज्यिक वाहन उद्योग के प्रत्येक खंड का अलग रुख रहेगा। उन्होंने कहा कि स्थिति कैसी रहती है यह इस बात पर निर्भर करेगा कि सरकार की ओर से जो सुधार किए गए हैं उनका प्रभाव क्या रहता है। इसके अलावा सही समय पर नकदी की उपलब्धता भी एक और कारक है जो उद्योग का रुख तय करेगा। उन्होंने कहा कि प्रत्येक तिमाही पिछली तिमाही से बेहतर रहेगी। हमें इसके लिए तैयार रहना होगा। 

वाहन विनिर्माताओं का संगठन सियाम सरकार से वाहनों पर जीएसटी की दर को 28 से घटाकर 18 प्रतिशत करने की मांग कर रहा है। सियाम का कहना है कि इसके अलावा सरकार को एक प्रोत्साहन आधारित कबाड़ नीति भी लानी चाहिए। सरकार का कहना है कि वह वाहन कबाड़ नीति पर काम कर रही है। हालांकि, वाहनों पर जीएसटी दर घटाने के बारे में सरकार की ओर से कोई संकेत नहीं दिया गया है। 

jyoti choudhary

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