नए साल से पहले आम आदमी को मिली बड़ी राहत, सस्ते कपड़े पर नहीं बढ़ेंगी GST दरें

Friday, Dec 31, 2021 - 02:46 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः राज्यों और उद्योग की आपत्ति के बाद जीएसटी काउंसिल ने कपड़ों पर टैक्स 5 फीसदी से बढ़ाकर 12 फीसदी करने के फैसले को फिलहाल टाल दिया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में आज हुई जीएसटी काउंसिल की बैठक में इस बढ़ोतरी को फिलहाल टालने का फैसला किया गया। हिमाचल प्रदेश के इंडस्ट्री मिनिस्टर बिक्रम सिंह ने यह जानकारी दी। फरवरी में होने वाली अगली बैठक में इसकी समीक्षा की जा सकती है।

वहीं राजस्थान के कैबिनेट मंत्री सुभाष गर्ग ने कहा है कि गारमेंट पर जीएसटी की बढ़ी दरें कल से लागू नहीं होंगी। जूते-चप्पल पर GST वापस लेने का मामला एजेंडा में नहीं था। हम लोगों ने उसको उठाया था। जूते- चप्पल पर कल से जीएसटी की बढ़ी दरें लागू हो जाएंगी। बता दें कि फुटवेयर दुकानदारों का कहना था कि सरकार ने जो हजार रुपए का जूता-चप्पल बनाते थे उन पर भी GST बढ़ाकर 12 फीसदी कर दिया। इससे हमारा कारोबार की लागत बढ़ेगी।

बता दें कि इस मामले पर पश्चिम बंगाल के पूर्व वित्त मंत्री और मुख्यमंत्री के सलाहकार अमित मित्रा ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मानव निर्मित फाइबर कपड़े पर कर में वृद्धि के फैसले को वापस लेने के मद्देनजर तत्काल जीएसटी परिषद की बैठक बुलाने का आग्रह किया था।

नए साल से महंगे होंगे जूते-चप्पल 
जीएसटी काउंसिल की बैठक में निर्णय लिया गया कि 1 जनवरी, 2022 से सभी फुटवियर पर 12 फीसदी जीएसटी लगेगा, चाहे इन जूते-चप्पलों की कीमत कुछ भी क्यों न हो यानी जूता चाहे 100 रुपए का हो या फिर 1000 रुपए का सभी पर 12 फीसदी की दर से जीएसटी लगेगा। इसके साथ ही यह भी निर्णय लिया गया कि रेडीमेड कपड़ों सहित कपास को छोड़कर कपड़ा उत्पादों पर 12 प्रतिशत समान जीएसटी दर लागू होगी।  

स्लैब घटाने पर कोई फैसला नहीं 
ऐसा माना जा रहा था कि आज की बैठक में स्लैब घटाए जा सकते हैं। जीएसटी काउंसिल ने बैठक में 12 फीसदी और 18 फीसदी के स्लैब को मिलाए जाने पर चर्चा तो की लेकिन इस पर फैसला नहीं लिया जा सका। रिपोर्ट के मुताबिक, अब जूते-चप्पल पर टैक्स कम करने और दो स्लैब को आपस में मिलाने के बारे में काउंसिल की अगली बैठक में विचार किया जाएगा।   

 

 

jyoti choudhary

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