1 जुलाई से लागू हो सकता है GST, किसानों-छोटे कारोबारियों को पंजीकरण से छूट

Sunday, Mar 05, 2017 - 12:06 PM (IST)

नई दिल्लीः जी.एस.टी. बिल 1 जुलाई से लागू हो सकता है। शनिवार को जी.एस.टी. काऊंसिल की बैठक में आई.जी.एस.टी. और सी.जी.एस.टी. बिल को मंजूरी दे दी गई। वित्त मंत्री अरुण जेतली के मुताबिक जी.एस.टी. बिल के दो और पूरक विधेयक राज्य जी.एस.टी. (एस.जी.एस.टी.) और केंद्र शासित प्रदेश जी.एस.टी. (यू.टी.जी.एस.टी.) के मसौदे पर काऊंसिल 16 मार्च की बैठक में विचार करेगी।

जी.एस.टी. की ओर अहम कदम
शनिवार को जी.एस.टी. काऊंसिल ने केंद्रीय जी.एस.टी. (सी.जी.एस.टी.) और एकीकृत जी.एस.टी. (आई.जी.एस.टी.) विधेयकों के प्रावधानों पर मुहर लगाई। सी.जी.एस.टी. केंद्र सरकार को वस्तुओं और सेवाओं पर जी.एस.टी. लगाने का अधिकार देगा। वहीं आई.जी.एस.टी. राज्यों के बीच बिक्री पर टैक्स सिस्टम को तय करेगा। जेतली के मुताबिक इन सभी विधेयकों को संसद के बजट सत्र में पेश किया जाएगा। बजट सत्र 9 मार्च से दोबारा शुरू होने जा रहा है। मगर एस.जी.एस.टी. को लागू करने के लिए विधानसभाओं की मंजूरी जरुरी होगी। एस.जी.एस.टी. बिल वैट और राज्यों में लगने वाले टैक्सों के जी.एस.टी. में शामिल होने के बाद राज्यों की टैक्स लगाने का अधिकार देगा।

बैठक में हुए अहम फैसले
-किसानों को जी.एस.टी. के तहत पंजीकरण से छूट मिलेगी।
-20 लाख सालाना तक के कारोबार वाले व्यापारियों को जी.एस.टी. के लिए रजिस्ट्रेशन नहीं करवाना होगा। पहाड़ी और पूर्वोत्तर राज्यों में ये सीमा 10 लाख रुपए होगी।
-कमिश्नर स्तर के अधिकारी किस्तों में टैक्स चुकाने की छूट दे सकेंगे।
-निर्यातकों को 90 फीसदी टैक्स रिफंड अर्जी जमा करवाने के 7 दिनों के भीतर मिलेगा।
-रिटर्न फाइल करने और कर का भुगतान करने की ज्यादातर प्रक्रिया ऑनलाइन होगी।
-50 लाख सालाना कारोबार तक के छोटे ढाबों और रेस्तरां पर 5 फीसदी की दर से कर लगेगा।
 
 

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