GST: महंगा हो सकता है आपका मोबाइल बिल!

Saturday, Nov 05, 2016 - 05:37 PM (IST)

कोलकाताः 4 स्लैब वाले जी.एस.टी. के लागू होने से आपके मोबाइल फोन का बिल महंगा हो सकता है। मोबाइल फोन कंपनियों ने जी.एस.टी. के तहत टैलीकॉम सर्विसेज पर टैक्स रेट बढ़ाने पर चिंता जताई है। कंपनियों का कहना है कि टैलीकॉम सर्विसेज पर टैक्स रेट्स ज्यादा होने से टैलिकम्युनिकेशन यूजर्स के लिए महंगा हो जाएगा। उनका कहना है कि इससे सरकार के डिजिटल इंडिया मिशन को भी धक्का लगेगा और वित्तीय संकट से जूझ रही टैलीकॉम इंडस्ट्री के लिए बड़ा झटका होगा।

सरकार ने गुरुवार को 4 स्लैब वाले जी.एस.टी. स्ट्रक्चर की घोषणा की, जिसमें टैक्स रेट्स 5, 12, 18 और 28 फीसदी है। किस सेगमेंट पर कौन सी दर लागू होगी, इसके बारे में अभी घोषणा नहीं की गई है। टैलीकॉम इंडस्ट्री के एग्जिक्युटिव्स का अनुमान है कि टैलीकॉम सर्विसेज पर 18 फीसदी टैक्स लगेगा, जिस पर मौजूदा टैक्स की दर 15 फीसदी है। उनका मानना है कि 18 फीसदी टैक्स लगने की संभावना इसलिए ज्यादा है कि सरकार अगर इस सेक्टर से 12 फीसदी टैक्स वसूलती है तो सरकार की आमदनी में गिरावट आएगी, जो सरकार नहीं चाहेगी।

मोबाइल कंपनियां चाहती हैं कि टैलीकॉम सर्विसेज पर टैक्स रेट कम हो क्योंकि यह आवश्यक सेवा है। सेलुलर ऑपरेटर्स असोसिएशन ऑफ इंडिया के राजन मैथ्यूज ने बताया, 'आवश्यक सेवा अनुरक्षण अधिनियम, 1968 (एस्मा) के तहत टैलीकॉम एक आवश्यक सेवा है। इसलिए इस पर भी अन्य जरूरी उत्पाद और सेवाओं के बराबर ही टैक्स लगना चाहिए यानी जिस तरह से अन्य जरूरी उत्पाद और सेवाओं पर 15 फीसदी से कम टैक्स का प्रस्ताव है, उसी तरह से टैलीकॉम सर्विसेज पर भी यही रेट लागू होना चाहिए।'

उन्होंने बताया कि जी.एस.टी. रेट ज्यादा होने से आम आदमी को नुकसान होगा और इस अहम इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर की ग्रोथ बाधित होगी। मैथ्यूज ने बताया, 'इससे टैलीकॉम सर्विसेज की कॉस्ट बढ़ जाएगी जिसका बोझ ग्राहकों पर पड़ेगा।'

अगर टैलीकॉम सर्विसेज पर 18 फीसदी जी.एस.टी. रेट लगाई जाती है तो ग्राहकों के मासिक सेलफोन बिल में 3 फीसदी बढ़ौतरी हो जाएगी। इसका मतलब यह हुआ कि जो ग्राहक अभी 1,000 रुपए का बिल भर रहे हैं, उनको नए टैक्स रेट लागू होने के बाद 30 रुपए ज्यादा यानी 1,030 रुपए बिल भरना होगा।

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