GST: डुअल कंट्रोल पर नहीं बनी सहमति, 25 को होगी अगली मीटिंग

Sunday, Nov 20, 2016 - 07:02 PM (IST)

नई दिल्लीः वस्तु एवं सेवा कर (जी.एस.टी.) व्यवस्था में केंद्र और राज्यों के दायरे में आयकरदाताओं का कौन सा वर्ग आएगा, इस पर आज भी सहमति नहीं बन पाई। इसका तौर तरीका निकालने के लिए जी.एस.टी. परिषद की बैठक 25 नवंबर को फिर होगी।  

25 नवंबर को होगी GST काऊंसिल की मीटिंग
केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेतली की आज राज्यों के वित्त मंत्रियों के साथ इस मुद्दे पर राजनीतिक गतिरोध दूर करने के लिए बुलाई गई बैठक बेनतीजा रही। जेतली ने बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘बैठक पूरी नहीं हो पाई। विचार विमर्श 25 नवंबर को भी जारी रहेगा।’’ आज की बैठक 25 नवंबर को होने वाली शक्तिशाली जी.एस.टी. परिषद की बैठक से पहले बुलाई गई थी। इससे पिछली दो बैठकों में इस मुद्दे पर केंद्र और राज्यों के बीच गतिरोध कायम रहा था। केंद्र का इरादा जी.एस.टी. को अगले साल अप्रैल से लागू करने का है। केंद्र और राज्य सरकारों के अधिकारियों की कल बैठक होगी जिसमें इसका हल ढूंढने का प्रयास किया जाएगा।

ये राज्य चाहते हैं छोटे कारोबारों पर कंट्रोल
उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु तथा केरल जैसे राज्य सालाना डेढ़ करोड़ रुपए से कम की आय वाले छोटे कारोबारियों पर विशिष्ट नियंत्रण के लिए जोर दे रहे हैं। उनका कहना है कि राज्यों के पास जमीनी स्तर पर इसके लिए ढांचा है और करदाता भी राज्य के अधिकारियों से अधिक सुविधा महसूस करेंगे। वहीं दूसरी आेर केंद्र इससे सहमत नहीं है। केंद्र सेवाकरदाताओं को सुविधा देने को एकल पंजीकरण तंत्र उपलब्ध कराना चाहता है।  

केंद्र करदाताओं को 1.5 करोड़ रुपए तक राज्यों के साथ और उपर केंद्र के साथ के बजाय प्रत्येक स्तर पर बंटवारा चाहता है। एेसे में करदाताओं का विभाजन एक निश्चित अनुपात में होना चाहिए। समझौते के तहत केंद्र राज्यों को दो-तिहाई करदाताओं के आधार पर प्रशासनिक नियंत्रण देने का इच्छुक है, जबकि सेवा कर केंद्र के प्रशासन में रहेगा। एक अधिकारी ने कहा कि इस अनौपचारिक बैठक में अधिकारी उपस्थित नहीं थे जिससे किसी तरह के राजनीतिक समाधान पर पहुंचा जा सके।   

उत्तराखंड की वित्त मंत्री इंदिरा ह्यदेश ने कहा कि राज्य डेढ़ करोड़ से कम की आय पर वस्तु एवं सेवा करदाताओं दोनों का नियंत्रण चाहते हैं। अगली जी.एस.टी. परिषद की बैठक में सी.जी.एस.टी., एस.जी.एस.टी., आई.जी.एस.टी. तथा मुआवजा कानून से संबंधित अनुपूरक विधेयकों को अंतिम रूप दिया जाएगा। परिषद की पिछली बैठक में 4 स्लैब के ढांचे 5, 12, 18 और 28 प्रतिशत पर सहमति बनी थी। साथ ही लक्जरी तथा तंबाकू जैसे अहितकर उत्पादों पर उपकर भी लगेगा। 

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