बैंकों के समूह ने आम्रपाली परियोजनाओं के लिए 1,500 करोड़ रुपए की अंतिम मंजूरी दी

Tuesday, Apr 05, 2022 - 12:18 PM (IST)

नई दिल्लीः आम्रपाली मामले में उच्चतम न्यायालय को सोमवार को बताया गया कि सात बैंकों के समूह ने 1,500 करोड़ रुपए की पूंजी डालने को अंतिम मंजूरी दे दी है। इसमें से 150 करोड़ रुपए सीधे नेशनल बिल्डिंग्स कंस्ट्रक्शन कॉरपोरेशन (एनबीसीसी) को दिए गए हैं। न्यायाधीश यू यू ललित और न्यायाधीश बेला एम त्रिवेदी की पीठ के समक्ष अदालत द्वारा मामले में नियुक्त प्रशासक (कोर्ट रिसीवर) आर वेंकटरमानी ने सूचित किया कि शेष राशि जारी नहीं की जा सकी है क्योंकि बैंकों ने कहा कि कोष जारी करने के लिए उन्हें पूर्व शर्त के रूप में बैनामा को अपने पास गिरवी रखने की जरूरत होगी। 

शीर्ष अदालत को बताया गया कि 23 जुलाई, 2019 के फैसले में इस न्यायालय की टिप्पणियों के संदर्भ में कुछ स्पष्टीकरण मांगे गए हैं। वेंकटरमानी के अनुसार, शीर्ष अदालत ने अपने फैसले में कहा था कि आम्रपाली समूह की कंपनियों के पक्ष में सभी पट्टें रद्द किए जाते हैं। इसका मतलब होगा कि कोई भी स्वामित्व अधिकार का दस्तावेज नहीं होगा जिसे बैंकों के पास जमा किया जा सके। ‘कोर्ट रिसीवर' और बैंकों के समूह की तरफ से पेश वकील ने कहा कि यदि आम्रपाली समूह की कंपनियों का नाम ‘कोर्ट रिसीवर' द्वारा प्रतिस्थापित किया जा सके तो स्थिति बदल सकती है। इस पर पीठ ने कहा कि फैसले में इस्तेमाल की जाने वाली जो बातें हैं, वह ‘कोर्ट रिसीवर' में निहित' है। 

न्यायालय ने नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरणों को आम्रपाली परियोजनाओं से संबंधित पट्टा विलेखों को वापस लेने का निर्देश दिया। साथ ही इन विलेखों को ‘कोर्ट रिसीवर' को उपलब्ध कराने को कहा ताकि उसे समूह में शामिल बैंकों के पास रखा जा सके। पीठ ने कहा कि जो भी जरूरी हो, उसे सात दिनों में पूरा किया जाए। 

jyoti choudhary

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