गोयल ने जीआईएस से लैस राष्ट्रीय भूमि बैंक प्रणाली की शुरुआत की, रियल टाइम की मिलेगी जानकारी
punjabkesari.in Friday, Aug 28, 2020 - 11:04 AM (IST)
नई दिल्ली: केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने जीआईएस से लैस राष्ट्रीय भूमि बैंक प्रणाली की बृहस्पतिवार को शुरुआत की। यह निवेशकों को औद्योगिक भूमि और संसाधनों की उपलब्धता के बारे में वास्तविक समय की जानकारी प्राप्त करने में मदद करेगी।
दिसंबर 2020 तक सभी राज्य जुड़ेंगे
गोयल ने प्रणाली की शुरुआत करते हुए विश्वास व्यक्त किया कि दिसंबर 2020 तक सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेश इस प्रणाली से जुड़ जायेंगे। अभी इससे छह राज्य जुड़े हैं। इस प्रणाली को औद्योगिक सूचना प्रणाली (आईआईएस) और राज्यों की भौगोलिक सूचना प्रणाली (जीआईएस) का एकीकरण कर तैयार किया गया है। यह अभी शुरुआती चरण है और इसे बाद में भूमि पहचान तथा खरीद के लिये अधिक सक्षम व पारदर्शी बनाने के लिये राज्यों से प्राप्त सूचनाओं के आधार पर विकसित किया जायेगा।
आईआईएस पोर्टल विभिन्न राज्यों में उपलब्ध औद्योगिक क्षेत्रों का जीआईएस से लैस डेटाबेस है। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘प्रणाली में 31 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में 3,300 से अधिक औद्योगिक पार्कों को शामिल किया गया है, जिनमें सम्मिलित तौर पर 4,75,000 हेक्टेयर भूमि शामिल है। उपलब्ध जानकारी में वन, जल निकासी, कच्चे माल का हीट मैप (कृषि, बागवानी, खनिज परतें), संपर्क के विभिन्न स्तर आदि शामिल हैं।’ गोयल ने राज्यों के उद्योग मंत्रियों, केंद्रशासित प्रदेशों के प्रशासकों और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक आभासी बैठक भी की।
एकल-खिड़की प्रणाली पर जोर
मंत्री ने राज्यों से देश में औद्योगिक गतिविधि बढ़ाने और निवेश आकर्षित करने के लिए सामूहिक रूप से 'टीम इंडिया' की भावना से काम करने का आह्वान किया। उन्होंने यह भी कहा कि जिन देशों में भारतीय कंपनियों को पाबंदियों का सामना करना पड़ता है, उनके लिये पारस्परिक कदम लागू किये जा सकते हैं। मंत्री ने देश में व्यवसाय शुरू करने के लिये राज्य सरकारों तथा केंद्र सरकार से आवश्यक सभी मंजूरियां प्रदान करने का एकल डिजिटल समाधान विकसित करने के लिये एकल-खिड़की प्रणाली विकसित करने पर जोर दिया।
अभी केवल 14 राज्यों ने ही कार्ययोजना को अंतिम रूप दिया
उन्होंने कहा इससे निवेशकों को जानकारी जुटाने और विभिन्न हितधारकों से मंजूरी प्राप्त करने के लिये कई प्लेटफार्मों / कार्यालयों में जाने की आवश्यकता समाप्त हो सकती है। यह मौजूदा प्रणालियों की क्षमताओं का लाभ उठा सकता है और निवेशकों को समयबद्ध अनुमोदन और वास्तविक समय पर स्थिति की जानकारी प्रदान कर सकता है। कृषि निर्यात नीति पर गोयल ने कहा कि अभी तक केवल 14 राज्यों ने ही कार्ययोजना को अंतिम रूप दिया है, और अन्य राज्यों को इसे शीघ्रता से अंतिम रूप देना चाहिये।