''आंकड़ों को देश में ही स्टोर करने पर ज्यादा जोर दे सकती हैं सरकारें''

Tuesday, Jan 15, 2019 - 06:27 PM (IST)

मुंबईः प्रौद्योगिकी उद्योग की दिग्गज शख्सियत जॉन चैंबर्स ने कहा कि कई देशों की सरकारें आंकड़ों को स्थानीय स्तर पर संग्रहीत (डेटा लोकलाइजेशन) करने पर जोर दे रही है क्योंकि कंपनियां 'वैध आवश्यकताओं' के लिए सरकारों के साथ आंकड़े साझा करने (डेटा शेयरिंग) का काम नहीं कर रही हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि किसी निर्धारित भौगोलिक क्षेत्र में आंकड़ों का संग्रहण आंकड़ों को सुरक्षित नहीं बनाता है। तकनीकी की दुनिया में हर कोई जानता है कि भविष्य डिजिटल दुनिया का है, भौतिक दुनिया का नहीं। 

प्रौद्योगिकी कंपनी सिस्को के मानद चेयरमैन जॉन चैंबर्स ने संवाददाताओं को बताया, 'यदि कंपनियां वैध जरूरतों के लिए सरकार के साथ आंकड़े साझा नहीं करेंगी तो सरकारें डेटा स्थानीयकरण का एक रास्ता अपना सकती हैं। उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी उद्योग खासकर बड़ी कंपनियों की यह जिम्मेदारी है कि वे रोजगार और 'देशों एवं उनकी सरकारों की वैध जरूरतों' को पूरा करने में मदद करें।

चैंबर्स ने कहा, 'अगर कंपनियां ऐसा नहीं करती हैं, तो सरकार उन पर नियंत्रण करेगी मैं अपने साथियों को प्रोत्साहित करूंगा कि कैसे आप बहुत जरूरी वैध जरूरतों को पूरा कर सकते हैं।' उनका का यह बयान ऐसे समय में आया है जब भारत के साथ-साथ यूरोपीय संघ जैसे अन्य क्षेत्र डेटा को स्थानीय स्तर पर स्टोर करने पर अधिक जोर दे रहे हैं। सरकारों और नियामक दोनों के मोर्चे पर ऐसे प्रयास किए जा रहे हैं। भारतीय रिजर्व बैंक ने विदेशी वित्तीय कंपनियों को स्थनीय स्तर पर आंकड़ों को संग्रहीत करने को कहा है। 

चैंबर्स ने भारत में स्टार्टअप तंत्र की वृद्धि की सराहना करते हुये कहा कि अगले कुछ सालों में यह अमेरिकी की सिलिकन वैली को भी पीछे छोड़ देगा। इसका श्रेय उन्होंने सरकार को दिया है, जिसने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सही नीतियों को लागू किया है। उन्होंने कहा कि मोदी में कड़े फैसले लेने की हिम्मत और क्षमता है। उन्होंने कहा कि नोटबंदी एक विवादास्पद लेकिन दमदार निर्णय था। उन्होंने जीएसटी, दिवाला सहिंता और कारोबारी सुगमता समेत अन्य नीतिगत फैसलों को लेकर सरकार की तारीफ की।       

jyoti choudhary

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