''रासायनिक उर्वरकों से कैंसर को बढ़ावा''

Friday, Feb 10, 2017 - 04:19 PM (IST)

नई दिल्लीः रसायन एवं उर्वरक मंत्री अनंत कुमार ने आज कहा कि देश के कुछ हिस्सों में रसायनिक उर्वरकों के असंतुलित उपयोग के कारण कैंसर की बीमारी बढ़ रही है और लोगों के इसके इलाज पर भारी खर्च करना पड़ता है। कुमार ने भारतीय जन औषधि परियोजना के एक प्रशिक्षण कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि पंजाब में बड़े पैमाने पर फसलों का उत्पादन बढ़ाने के लिए असंतुलित रूप से रासायनिक उर्वरकों का प्रयोग किया गया है जिसके कारण वहां के कुछ क्षेत्रों में बड़ी संख्या में कैंसर के मरीज हैं। 

पंजाब से राजस्थान के लिए एक रेलगाड़ी चलती है जिसका नाम ही कैंसर एक्सप्रेस रख दिया गया है। उन्होंने कहा कि नाइट्रोजन, फास्फेट और पोटाश का आदर्श अनुपात 4: 2: 1 का है लेकिन यह बढ़कर 9.7 : 4: 1 चला गया था। इस अनुपात को अब घटाकर 6.6: 2: 1 किया गया है।

कुमार ने कहा कि मोदी सरकार के शासन के 188 दिनों के दौरान शत प्रतिशत यूरिया को नीम लेपित कर दिया गया है ताकि रासायनिक उद्योग इसका उपयोग नहीं कर सकें और केवल कषि कार्य के लिए ही इसका उपयोग हो। सालाना देश में 320 लाख टन यूरिया की आवश्यकता होती है। उन्होंने कहा कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार के शासन के दौरान केवल एक प्रतिशत यूरिया को नीम लेपित किया जाता था और कोई भी कंपनी 35 प्रतिशत से अधिक यूरिया को नीम लेपित नहीं कर सकती थी। जिसके कारण रायानिक कारखाने किसानों के उपयोग वाले 60 लाख टन यूरिया की कालाबाजारी करते थे।   

किसानों को 5360 रुपए प्रति टन की दर से यूरिया दिया जाता है जबकि औद्योगिक उपयोग के लिए 20000 रुपए प्रति टन इसका मूल्य है। इसके कारण 12000 करोड़ की औद्योगिक घराने चोरी कर रहे थे। उन्होंने कहा कि नीम लेपित यूरिया से अब दूध या शराब नहीं बनाया जा सकता और नही इसका उपयोग प्लाईउड कारखानों और रसायनिक उद्योगों में नहीं किया जा सकता है। 

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