निर्यात ढांचे के वित्तपोषण को नई योजना लाएगी सरकार

Wednesday, Feb 01, 2017 - 04:51 PM (IST)

नई दिल्लीः वित्त वर्ष 2017-18 में निर्यात के लिए ढांचा बनाने को एक नई योजना शुरू की जाएगी। इस कदम का मकसद व्यापारियों के लिए लेन-देन की लागत को कम करना है। वित्त मंत्री अरुण जेतली ने आज अपने बजट भाषण में कहा, ‘‘2017-18 में निर्यात ढांचे के लिए एक नई और पुनर्गठित केंद्रीय योजना, ट्रेड इन्फ्रास्ट्रक्चर फॉर एक्पोर्ट स्कीम (टीआईईएस) पेश की जाएगी।’’   

भारतीय निर्यातकों को ढांचागत मोर्चे पर बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। विशेषरूप से राज्यों में। अपर्याप्त ढांचे की वजह से लेनदेन लागत बढ़ती है, वैश्विक बाजारों में भारतीय उत्पादों की प्रतिस्पर्धा प्रभावित होती है। निर्यातकों के संगठन फेडरेशन आफ इंडियन एक्सपोर्ट आर्गेनाइजेशन (फियो) ने कहा कि इस योजना से आधुनिक ढांचा बन सकेगा। मसलन बंदरगाह के अंतिम छोर तक संपर्क, परीक्षण प्रयोगशाला और प्रमाणन केंद्र। 

फियो के महानिदेशक अजय सहाय ने कहा कि यह एक स्वागत योग्य कदम है। इस योजना से राज्यों में निर्यातकों के लिए ढांचे को आधुनिक करने में मदद मिलेगी। फियो ने कहा कि बजट में बुनियादी ढांचे रेल, सड़क और विमानन में जो निवेश की घोषणा की गई है उससे प्रतिस्पर्धा बढ़ाने में मदद मिलेगी और व्यापारियों के लिए लाजिस्टिक की लागत घटेगी। फियो के अध्यक्ष एस सी रल्हन ने कहा कि आम बजट में जिन वैश्विक चुनौतियों का उल्लेख किया गया है उसके मद्देनजर हमें एेसे उतार-चढ़ाव वाले वातावरण में निर्यात बढ़ाने के लिए अपनी रणनीति नए सिरे से बनाने की जरूरत है।  

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