सरकार की बड़ी तैयारी, 3 सार्वजनिक उपक्रमों को निजी हाथों में देने की योजना

Friday, Feb 03, 2017 - 02:43 PM (IST)

नई दिल्लीः सरकार ने विनिवेश के लिए कामकाज तेजी से शुरू कर दिया है। करीब आधा दर्जन कंपनियों में सरकार की हिस्सेदारी बेची जाएगी, संभव है कि सरकार मार्च से पहले कई कंपनियों के विनिवेश का काम पूरा कर ले। सरकारी कंपनियों में हिस्सा बेचने के लिए सलाहकारों की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू हो गई है। माना जा रहा है कि सरकार कई कंपनियों में पूरी हिस्सेदारी बेचेगी।

सरकार तीन सार्वजनिक उपक्रमों भारत पंप एंड कंप्रैसर्स, ब्रिज एंड रूफ कंपनी और हिंदुस्तान फ्लूरोकार्बन्स में रणनीतिक बिक्री प्रक्रिया से अपनी पूरी हिस्सेदारी बेचना चाहती है। बजट 2017-18 के प्रस्तावों के तहत चार अन्य सरकारी उपक्रमों हिंदुस्तान प्रीफैब, इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट्स इंडिया लिमिटेड, एचएससीसी इंडिया लिमिटेड और नेशनल प्रोजेक्ट्स कंस्ट्रक्शन कारपोरेशन का इनकी तरह के ही केंद्रीय उपक्रमों में करना चाहती है।

भारत पंप एंड कंप्रैसर्स में सरकार की शत प्रतिशत हिस्सेदारी और उसका प्रबंधकीय नियंत्रण चुनिंदा खरीददार को सौंपने की योजना है। इलाहाबाद स्थित इस सार्वजनिक उपक्रम की रणनीतिक बिक्री मंजूरी मंत्रिमंडल गत सितंबर में दे चुका है। इसी तरह ब्रिज एंड रूफ कंपनी में सरकार की 99.53 प्रतिशत हिस्सेदारी की रणनीतिक बिक्री करने की योजना है। निवेश एवं सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) इस मामलों में निवेश बैंकरों और विधि सलाहकारों की तलाश कर रहा है। हिंदुस्तान फ्लूरोकार्बन्स में हिंदुस्तान ऑर्गेनिक केमिकल्स लिमिटेड (एचआेसीएल) में सरकार की हिस्सेदारी 56.43 प्रतिशत है।

सार्वजनिक उपक्रमों में रणनीतिक बिक्री के अलावा सरकार चार लोक उपक्रमों का उन्हीं के समान केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों में विलय कर इनमें अपनी पूरी हिस्सेदारी भी बेचना चाहती है। वित्त मंत्री अरूण जेतली ने अपने बजट भाषण में कहा था कि एकीकरण, विलय और अधिग्रहण के माध्यम से केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों को मजबूत करने का अवसर है ताकि वे एक उद्योग के तौर मूल्यवान श्रृंखला का निर्माण कर सकें। जेतली ने कहा था कि इससे उनमें ज्यादा जोखिम लेने की क्षमता विकसित होगी। सरकार ने वित्त वर्ष 2017-18 में रणनीतिक बिक्री से 15,000 करोड़ रुपए जुटाने का लक्ष्य रखा है।

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