मोदी सरकार का एक फैसला कहीं डूबो न दे आपकी सारी जमा-पूंजी

Thursday, Jun 28, 2018 - 02:47 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः अगर आपने अपनी जमा पूंजी भारतीय जीवन बीमा नि‍गम यानी एलआईसी में लगा रखी है तो आपको यह खबर चिंता में डाल सकती है। सरकार कर्ज में डूबे आईडीबीआई बैंक को एलआईसी को बेचने की तैयारी में है। इसके लिए एलआईसी को 2.1 लाख करोड़ रुपए जुटाने होंगे और यह पैसा आपके द्वारा जमा किए गए प्रीमियम की रकम से ही आएगा।



कंगाल हो सकती है LIC
सरकार के इस कदम से IDBI की माली हालत तो सुधर सकती है, लेकिन इससे एलआईसी के कंगाल होने की आशंका ज्यादा है। यानी अगर ऐसा होता है तो देश के लाखों निवेशकों का पैसा डूब सकता है। वहीं दूसरी और एलआईसी लंबे समय से बैंकिंग कारोबार में जगह बनाना चाह रही है। इसकी अहम वजह उसके पास बड़ी मात्रा में पड़ी जमा-पूंजी है जो देशभर में एलआईसी पॉलिसी के ग्राहकों द्वारा बतौर प्रीमियम एकत्र किया जाता है। एलआईसी बैंकिंग में एंट्री के लिए पूर्व में न सिर्फ आईडीबीआई बल्कि लगभग सभी सरकारी बैंकों में कुछ हिस्सेदारी खरीद के बैठी है। अब शुक्रवार को इस मामले में बीमा नियामक आयोग अपना फैसला देगा।



भारी कर्ज में डूबा IDBI 
मौजूदा समय में आईडीबीआई बैंक में केन्द्र सरकार की 85 फीसदी हिस्सेदारी है। आईडीबीआई बैंक एनपीए की समस्या से जूझ रहा है। मार्च तिमाही के अंत तक बैंक का डूबा कर्ज 55,600 करोड़ रुपए पर पहुंच चुका है। तिमाही के दौरान बैंक का शुद्ध घाटा 5,663 करोड़ रुपए रहा। बैंक का बाजार पूंजीकरण करीब 23,000 करोड़ रुपए का है। उसकी रीयल एस्टेट परिसंपत्तियां और निवेश पोर्टफोलियो अनुमानित 20,000 करोड़ रुपए है।

 

Supreet Kaur

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