एयर इंडिया विनिवेश: सरकार बेचेगी अपनी 76% हिस्सेदारी

punjabkesari.in Wednesday, Mar 28, 2018 - 06:51 PM (IST)

नई दिल्लीः सरकारी विमानन कंपनी एयर इंडिया के विनिवेश के लिए केंद्र सरकार ने अहम फैसला ले लिया है। सरकार ने कहा कि एयर इंडिया विन‍िवेश के लिए बोली लगाई जाएगी। इसके लिए सरकार ने अर्नेस्ट एंड यंग को ट्रांजैक्शन एडवायजर के तौर पर नियुक्त किया है। सरकार एयर इंडिया में अपनी 76 फीसदी हिस्सेदारी बेचेगी।  

28 मई तक नीलामी में ले सकते हैं भाग
पिछले साल जून में इसकी सैद्धांतिक मंजूरी मिलने के बाद से सरकार इस दिशा में प्रयासरत थी। इस नीलामी में एअर इंडिया की सब्स‍िडरी AISAT और AIXL की भी 50 फीसदी हिस्सेदारी शामिल होगी। इस नीलामी में हिस्सा लेने के इच्छुक बिडर्स के लिए 28 मई तक का समय दिया गया है।

घाटे में चल रही एयर इंडिया और इसकी दो सब्सिडियरीज में हिस्सेदारी बेचने के लिए नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने रुचि पत्र (EoI) मंगाए हैं। मेमोरेंडम के मुताबिक, सरकार 76 फीसदी इक्विटी शेयर बेचेने के साथ ही मैनेजमेंट कंट्रोल भी ट्रांसफर करना चाहती है। 

कैसे होगी एयर इंडिया की बिक्री
पहले चरण में मूल एयर इंडिया के साथ इसके पूर्ण स्वामित्व वाली एयर इंडिया चार्टर और किफायती सर्विस कैरियर एयर इंडिया एक्सप्रेस जैसी इकाइयों को बिक्री के लिए पेश किया जाएगा। जबकि बाद के चरणों में एयर इंडिया ट्रांसपोर्ट सर्विसेज, होटल कॉरपोरेशन तथा एयर इंडिया एलाइड सर्विसेज का नंबर आएगा। प्रत्येक के लिए अलग से एक्सप्रेशन आफ इंट्रेस्ट बिड आमंत्रित की जाएंगी। इस विधि से सरकार को बेहतर रकम प्राप्त होने की संभावना है। विमानन क्षेत्र से जुड़े वित्तीय सलाहकारों के अनुसार सरकार को एयर इंडिया के विनिवेश से 70 हजार करोड़ रुपये तक की रकम प्राप्त हो सकती है। एयर इंडिया पर 50 हजार करोड़ रुपए के भारी कर्ज को देखते हुए इस रकम को कम नहीं माना जा रहा।

सरकार ने एयर इंडिया के विनिवेश में रखा प्रस्ताव 
* 'एयर इंडिया' ब्रांड कुछ वर्षों के लिए बनाए रखा जाना चाहिए।
* नए बोली लगाने वालों को यह सुनिश्चित करना होगा कि केवल भारतीय नागरिकों का नियंत्रण एयर इंडिया पर होगा
* केवल 5,000 करोड़ रुपए की न्यूनतम नेटवर्थ वाली कंपनियां एयर इंडिया के लिए बोली लगा सकती हैं।

 


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