IDBI बैंक में सरकार बेचेगी पूरी हिस्सेदारी, ग्राहकों पर पड़ेगा ये असर

Friday, Oct 16, 2020 - 02:14 PM (IST)

नई दिल्ली: आईडीबीआई बैंक (IDBI BANK) में अगर आपका अकाउंट है तो यह खबर आपके लिए है। दरअसल सरकार बैंक में अपनी पूरी हिस्सेदारी बेचने जा रही है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, आईडीबीआई बैंक में सरकारी हिस्सा बेचने की तैयारी पूरी तैयार हो गई है। कैबिनेट के द्धारा जल्द ही इस पर सैद्धांतिक मंजूरी मिलने वाली है। पिछले साल सितंबर में बैंक को वित्तीय संकट से उबारने के लिए भारतीय जीवन बीमा निगम और सरकार ने बैंक में 9,300 करोड़ रुपये का निवेश किया था।

जानें बैंक में कितनी है हिस्सेदारी 
खबरों की मानें तो LIC ने आईडीबीआई बैंक में अपना हिस्सा बेचने की इच्छा जताई है। बैंक में LIC की 51 फीसदी और सरकार की 47 फीसदी हिस्सेदारी है। बता दें कि IDBI बैंक में सरकारी हिस्सेदारी बेचने से ग्राहकों पर कोई असर नहीं होगा। बैंक की सभी सेवाएं बरकरार रहेंगी। IDBI बैंक सरकारी बैंक था जोकि 1964 में शुरू हुआ था। एलआईसी ने बैंक में 21000 करोड़ रुपए निवेश कर 51 फीसदी हिस्सेदारी खरीदी थी। फिर सरकार और LIC ने मिलकर 9300 करोड़ रुपए IDBI बैंक को दिए थे। LIC की हिस्सेदारी 4,743 करोड़ रुपए थी। 

इन सरकारी बैंकों का हुआ विलय
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मार्च 2020 में 10 सरकारी बैंकों को मिलाकर चार सरकारी बैंक बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। जिसके बाद पंजाब नेशनल बैंक में ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और युनाइटेड बैंक का विलय हो गया। केनरा बैंक में सिंडिकेट बैंक का विलय हुआ। यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने आंध्रा बैंक और कॉरपोरेशन बैंक को मिलाया गया। इंडियन बैंक का इलाहाबाद बैंक में विलय हुआ।

2017 में पांच बैंकों का विलय
साल 2017 में भारतीय स्टेट बैंक में उसके पांच सहयोगी बैंकों और भारतीय महिला बैंक का विलय कर दिया गया था। इसी तरह साल 2018 में बैंक ऑफ बड़ौदा में विजय बैंक और देना बैंक का विलय करने का निर्णय लिया गया था। लाइफ इंश्योरेंस कंपनी को आईडीबीआई बैंक की 51 फीसदी हिस्सेदारी लेने की सरकार ने अनुमति दी थी। जिसके बाद आईडीबीआई तकनीकी तौर पर प्राइवेट बैंक बन चुका है। 

rajesh kumar

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