सरकार अगरबत्ती बनाने वाले 6500 कारीगरों को देगी ऑटोमेटिक मशीनें, बढ़ेगी कमाई

punjabkesari.in Sunday, Sep 06, 2020 - 06:32 PM (IST)

नई दिल्ली: मोदी सरकार ने 'ग्रामोद्योग विकास योजना' के तहत अगरबत्ती बनाने कारीगरों के लिए एक खास प्रोग्राम का ऐलान किया था। जिसके बाद प्रोग्राम के तहत लाभर्थियों की संख्या में इजाफा हुआ है। प्रोग्राम की नई गाइडलाइंस के मुताबिक, इसकी कुल साइज 2.66 करोड़ से बढ़कर 55 करोड़ तक पहुंच गई है। इससे करीब 6500 कारीगरों को लाभ मिलने की उम्मीद है। इससे पहले मात्र 500 कारीगरों को लाभ मिलने का अनुमान था। बता दें कि सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्रालय (MSME Industry) के अंतर्गत आने वाले खादी एंड विलेज इंडस्ट्रीज कमिशन इस योजना को लागू कर रही है।

उत्तर प्रदेश में बनेगा फ्रेगरेंस डेवलपमेंट सेंटर
केंद्र सरकार 2.20 करोड़ रुपए की लागत से 2 सेंटर्स ऑफ एक्सेलेंस (CoE) बनाएगी और इसे IITS/NITs में बनाया जाएगा। उत्तर प्रदेश के कन्नौज जिले में फ्लेवर और फ्रेगरेंस डेवलपमेंट सेंटर भी बनाया जाएगा। इन सेंटर्स पर प्रोडक्ट के सभी पहलुओं पर काम किए जाएंगे, जिसमें फ्रेगरेंस में इनोवेशन और पैकेजिंग से लेकर कच्चे माल के लिए अन्य विकल्पों और दोबार इस्तेमाल होने वाले फूलों आदि पर काम होगा। कृषि मंत्रालय की ओर से बांस सप्लाइ की मदद कराई जाएगी।

10 क्लस्टर्स बनाने की योजना
मंत्रालय के स्कीम ऑफ फंड फॉर रीजेनरेशन ऑफ ट्रेडिशनल इंडस्ट्रीज (SFURTI) स्कीम के तहत 10 क्लस्टर्स बनाये जाएंगे। इसे बनाने में करीब 50 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है। सरकार को उम्मीद है कि इससे करीब 5 हजार कारीगरों को मदद मिल सकेगी और उससे कमाई पहले की तुलना में बेहतर होगी।

ऑटोमेटिक मशीनें कारीगरों को दी जाएगी
इस प्रोग्राम के तहत मशीन मैन्युफैक्चरिंग को भी बढ़ावा मिलेगा। 4 सितंबर 2020 को मंत्रालय ने कहा कि पहले की योजना के तहत अगरबत्ती बनाने के लिए 200 ऑटोमेटिक मशीनें उपलब्ध कराया जाना था। अब इसकी संख्या बढ़ाकर 400 तक कर दी गई है। इसके अलावा पांव से संचालित होने वाली 500 मशीनों सेल्फ हेल्प ग्रुप्स को मुहैया कराई जानी है। मंत्रालय का कहना है कि इससे करीब 1500 कारीगरों की कमाइ बढ़ाने में मदद मिलेगी। मशीनों के लिए उन लोगों को वरीयता दी जाएगी, जो हाथ से ही अगरबत्ती बनाते हैं या प्रवासी मजदूर हैं।इन कारीगरों को तात्कालिक रूप से 3.45 करोड़ रुपये खर्च किये जाएंगे।

 


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rajesh kumar

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