कीमतें तय होते ही Stent की किल्लत बढ़ी, सख्त हुई सरकार

Saturday, Feb 18, 2017 - 04:02 PM (IST)

नई दिल्लीः अस्पतालों में स्टेंट की कमी पर सरकार ने भी सख्त रुख अपनाया है क्योंकि स्टेंट की कीमतें तय होते ही गलत बहाने बनाकर इसकी सप्लाई घटा दी गई है। राज्य सरकारों और दूसरी एजेंसियों से कहा गया है कि ड्रग प्राइस कंट्रोल ऑर्डर का सहारा लेकर सप्लायरों पर सख्ती की जाए। स्टेंट की कीमतें तय होते ही मुनाफाखोरों की बौखलाहट और गलत तरीके से ज्यादा वसूली की बेचैनी साफ है। अस्पतालों में अचानक स्टेंट की किल्लत शुरू हो गई है। इसलिए सरकार को अब ड्रग प्राइस कंट्रोल ऑर्डर का डंडा चलाना पड़ रहा है।

स्टेंट की उपलब्धता सुनिश्चित करने को कहा
डिपार्टमेंट ऑफ फार्मा ने राज्यों को ड्रग प्राइस कंट्रोल ऑर्डर के पैरा 3 के तहत कार्रवाई करने के लिए कहा है। पैरा 3 के तहत राज्य ड्रग मैन्युफैक्चरर/इंपोर्टर को जनहित में प्रोडक्शन और सप्लाई बढ़ाने का आदेश दे सकते हैं। इसके अलावा डिपार्टमेंट ऑफ फार्मास्यूटिकल ने स्वास्थ्य मंत्रालय, नेशनल फॉर्मास्यूटिकल अथोरिटी यानी एनपीपीए और ड्रग कंट्रोलर जनरल को पत्र लिखकर अस्पतालों में स्टेंट की उपलब्धता सुनिश्चित कराने को कहा है।

मरीजों की बढ़ रही है मुसीबत 
स्टेंट की कमी से एंजियोप्लाटी का इंतजार कर रहे मरीजों की मुसीबत बढ़ रही है। लेकिन कंपनियों की दलील है कि नई एमआरपी वाली सील लगाने के लिए स्टॉक को वापस लिया जा रहा है। जबकि एनपीपीए ने कहा है कि कीमतों की री-लेबलिंग जरूरी नहीं है। सिर्फ नई एमआरपी की लिस्ट ही अस्पतालों को भेज देना काफी है।

अस्पतालों को स्टेंट की पूरी जानकारी बिल में देनी होगी
सरकार ने निर्देश जारी किया है कि अस्पताल मरीज के इलाज का बिल बनाते वक्त उसमें स्टेंट की कीमत अलग से बताएं। सभी अस्पताल, नर्सिंग होम और क्लिनिक कॉरनरी स्टेंट की कीमत, उसका ब्रैंड नेम, निर्माता या इंपोर्टर का नाम, बैच नंबर और इससे जुड़ी दूसरी जरूरी जानकारी मरीज के बिल में अलग से अनिवार्य रूप से बताएंगे।

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