उद्योगों व कारोबारों के साथ लगातार जुड़े रहना चाहती है सरकार: निर्मला सीतारमण

Sunday, Feb 09, 2020 - 06:08 PM (IST)

नई दिल्लीः व्यापार और उद्योग जगत के प्रतिनिधियों से बातचीत के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि सरकार उद्योगों और कारोबारों के साथ लगातार जुड़े रहना चाहती है। सरकार उद्योगों और कारोबारों के लिए करों के भुगतान को सरल बनाने के लिए उनकी सहायता करेगी। 

इस संदर्भ में उन्होंने कहा कि, 'सरकार उद्यमियों औ व्यवसायियों से निरंतर संवाद रखना चाहती है और यह संदेश स्पष्ट दिख रहा है।' आगे उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने बजट में कर मामलों में अपील करने और कर भुगतान की प्रक्रिया में अधिकारियों और करदाताओं के एक-दूसरे के सामने उपस्थित होने की अनिवार्यता समाप्त करने जैसे कदमों को शामिल किया है। आगे उन्होंने कहा कि यह केवल नई प्रौद्योगिकी से संभव हो सकता है। 

बेकार कानून हटाने में लगे कई साल
इतना ही नहीं, उन्होंने यह भी कहा कि उनकी सरकार को पिछले कई साल बेकार कानूनों को हटाने में लगे हैं। इससे सरकार द्वारा एक फरवरी 2020 को पेश किए गए बजट में वादों को पूरा करने में मदद मिलेगी। आगे माल एवं सेवा कर (जीएसटी) पर निर्मला सीतारमण ने कहा कि कर की दरें कम करने की पहल शुरू करने की जिम्मेदारी केंद्र की नहीं है। इसके लिए राज्यों के मंत्रियों को कदम उठाने चाहिए। 

एटीएम की कमी पर दिया ये बयान
चाय बोर्ड के चेयरमैन पीके बेजबरुआ द्वारा पश्चिम बंगाल और असम के चाय उत्पादक क्षेत्रों में एटीएम की कमी का मामला उठाया गया था, जिसपर उन्होंने कहा कि, 'बिना नकदी के मेहनताने के भुगतान से समस्या उत्पन्न हो रही है। उन्होंने कहा कि वे इस बात से अवगत हैं कि चाय उत्पादक क्षेत्रों में एटीएम कम हैं। इसलिए सरकार इन इलाकों में एटीएम लगाने के लिए तैयार है।' 

वित्त सचिव राजीव कुमार ने कही ये बात
इसके साथ ही वित्त सचिव राजीव कुमार ने कहा कि व्यावसायिक कर्ज वितरण में तेजी लाने की जरूरत है। बता दें कि केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) ने कारोबार की वास्तविक असफलता और धोखाधड़ी के बीच फर्क करने के लिए एक समिति का गठन भी किया है। 

उद्योगपतियों ने की सराहना
वहीं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने देश की अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने के लिए बजट 2020 में जो कदम उठाए, उनकी उद्योगपतियों ने सराहना की। इस संदर्भ में इंडियन चेंबर ऑफ कॉमर्स (आईसीसी) के महानिदेशक राजीव सिंह ने कहा कि, 'हमारी चर्चा बुनियादी संरचना पर खर्च बढ़ाने, भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) का विनिवेश करने, कृषि क्षेत्र के लिए उपायों पर केंद्रित रही।' 

jyoti choudhary

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