दवा कंपनियों पर शिकंजा, अब हर दवा की कीमत तय करेगी सरकार

Monday, Jul 16, 2018 - 07:22 PM (IST)

नई दिल्लीः मेडिकल स्टोर पर बिकने वाली दवा की कीमत जल्द ही सरकार तय करेगी। अभी केंद्र सरकार ने केवल जीवनरक्षक दवाओं की कीमतों को तय कर रखा है लेकिन अब बिना डॉक्टर के पर्चे के काउंटर पर बिकने वाली दवाइयों की कीमतों पर भी लगाम लगेगी। 

नीति आयोग ने बनाया प्रस्ताव
केंद्र सरकार के थिंक टैंक नीति आयोग ने इस बारे में एक प्रस्ताव तैयार किया है। इस प्रस्ताव को जल्द ही सरकार के पास मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। अगर कैबिनेट इसे मंजूर कर देती है, तो फिर पूरे देश में इसे लागू कर दिया जाएगा। इस फॉर्मूले के अनुसार, ट्रेड मार्जिन के आधार पर दवाओं के दाम कंट्रोल किए जा सकेंगे।

अभी होती है मुनाफाखोरी
अभी भी मार्केट में कई ऐसी दवाएं हैं, जिनको बेचने पर कंपनियां बहुत ज्यादा मुनाफाखोरी कर रही हैं। इसको रोकने के लिए नीति आयोग की अगुवाई में स्वास्थ्य मंत्रालय और फार्मा मंत्रालय के अधिकारी फॉर्मूला तैयार करने में जुटे हुए हैं।

अस्पतालों पर लगेगी लगाम
नीति आयोग दवाओं की कीमत को बिक्री की पहली जगह पर ही ट्रेड मार्जिन तय करना चाहती है। सरकार को लगता है कि ऐसा करने से दवा बनाने वाली कंपनियों और अस्पतालों की मुनाफाखोरी पर लगाम लगेगी और मरीजों को मुफीद दर पर दवाएं मुहैया की जा सकेगी। 

17 फीसदी दवाओं की कीमतों पर नियंत्रण
दवाओं की कीमत निर्धारित करने वाली संस्था एनपीपीए सिर्फ जीवनरक्षक दवाओं की कीमत निर्धारित करती है। देश में दवाओं का घरेलू उद्योग करीब 1 लाख करोड़ का है जिसका सिर्फ 17 फीसदी ही कीमत नियंत्रण के दायरे में है।

jyoti choudhary

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