5:20 की खींचतान में फंसी सरकार

Wednesday, Mar 09, 2016 - 11:32 PM (IST)

नई दिल्ली: घरेलू एयरलाइनों के विदेश उड़ान परिचालन के लिए 5:20 नियम को लेकर खींचतान में फंसी सरकार ने इस मुद्दे पर पुरानी एयरलाइनों के प्रवर्तकों की बात ‘धैर्यपूर्वक’ सुनने की मांग बुधवार स्वीकार कर ली और कहा कि इस नियमन के भाग्य पर कोई निर्णय नहीं किया गया है।
 
नागर विमानन मंत्री अशोक गजपति राजू की अध्यक्षता में हुई एक बैठक में प्रवर्तकों ने दलील दी कि नियमों में ढील देने का घरेलू हवाई संपर्क एवं सेवाओं पर नकारात्मक असर पड़ेगा और इससे हवाई किराए बढ़ सकते हैं। इस बैठक में जैट एयरवेज के चेयरमैन नरेश गोयल, इंडिगो के प्रवर्तक राहुल भाटिया व कम्पनी के अध्यक्ष आदित्य घोष और स्पाइसजैट के चेयरमैन अजय सिंह सहित अन्य शामिल हुए।
 
सरकार ने नियम पर कोई निर्णय नहीं किया: एफ.आई.ए.

बैठक के बाद फैडरेशन ऑफ इंडियन एयरलाइन्स (एफ.आई.ए.) के एक सदस्य ने कहा, ‘‘हमने 5:20 नियम पर अपने विचार रखे। हम सभी चाहते हैं कि सरकार इस मुद्दे पर निर्णय करते समय विकास के समान अवसर एवं घरेलू हवाई संपर्क सुनिश्चित करे। सदस्य ने कहा कि सरकार ने अपनी ओर से कहा कि 5:20 नियम के संबंध में कोई निर्णय नहीं किया गया है। बैठक के दौरान हमने प्रस्तावित नीति में अन्य मुद्दों जैसे उल्लेखनीय हिस्सेदारी एवं प्रभावी नियंत्रण और द्विपक्षीय यातायात अधिकारों की नीलामी आदि पर अपने विचार रखे।’’

क्या है 5:20 नियम

एक दशक पुराने इस नियमन के तहत विदेश उड़ान परिचालन शुरू करने के लिए एक भारतीय विमानन कम्पनी को घरेलू उड़ान का कम से कम 5 वर्ष का अनुभव और उसके बेड़े में कम से कम 20 विमान होना आवश्यक है।   
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