डूबते BSNL और MTNL को बचाने के लिए सरकार कर रही है 74,000 करोड़ रुपए के बेलआउट पैकेज पर विचार

Wednesday, Jul 03, 2019 - 12:40 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः भारी वित्तीय संकट से जूझ रही सरकारी दूरसंचार कंपनियों BSNL और MTNL को बचाने के लिए केंद्र सरकार 74,000 करोड़ रुपए के बेलआउट पैकेज पर विचार कर रही है। सरकार इस योजना में दोनों कंपनियों के हजारों कर्मचारियों को वीआरएस लेने को लेकर तैयार करने के लिए शानदार एग्जिट पैकेज की पेशकश करेगी, जिसमें अतिरिक्त 5% कंपेनसेशन (एक्सग्रेशिया) भी शामिल होगा। इसके अलावा, सरकार कंपनियों को 4जी स्पेक्ट्रम और पूंजीगत खर्च के लिए भी पैसे आवंटित करेगी।

BSNL देश की सबसे ज्यादा घाटे वाली सरकारी कंपनी
बीएसएनएल देश की सबसे ज्यादा घाटा (वित्त वर्ष 2019 में लगभग 13,804 करोड़ रुपए) सहने वाली सरकारी कंपनी है, जबकि एमटीएनएल इस फेहरिश्त में 3,398 करोड़ रुपए के घाटे के साथ तीसरे स्थान पर है। एयर इंडिया सबसे ज्यादा घाटा सहने वाली सरकारी कंपनियों की सूची में दूसरे स्थान पर है। अगर 74,000 करोड़ रुपए का पैकेज दिया जाता है तो दोनों कंपनियां सरकार को वित्तीय झटका देने के मामले में एयर इंडिया को पार कर जाएगी। 

4जी स्पेक्ट्रम की कीमत 20,000 करोड़ रुपए से अधिक होगी
इस मामले की जानकारी रखने वाले एक अधिकारी ने बताया कि 4जी स्पेक्ट्रम की कीमत 20,000 करोड़ रुपए से अधिक होगी, जिसे सरकार वहन करेगी, जबकि रोलआउट पर 13,000 करोड़ रुपए का खर्च आएगा, जिसे दोनों कंपनियां वहन करेंगी। सरकार वीआरएस और समय से पहले रिटायरमेंट बेनिफिट्स के मद में 40,000 करोड़ रुपए से अधिक रकम खर्च करेगी। 

बीएसएनल और एमटीएनल को बेलआउट का मामला बताते हुए केंद्रीय दूरसंचार विभाग ने तर्क दिया है कि दोनों कंपनियों को बंद करने पर 1.2 लाख करोड़ रुपए का खर्च आएगा और इसलिए यह व्यवहार्य नहीं है। सरकार ने कहा कि इसके रणनीतिक विनिवेश पर भी कोई कंपनी दिलचस्पी नहीं दिखाएगी, क्योंकि दूरसंचार क्षेत्र खुद अभी वित्तीय संकट के दौर से गुजर रही है। हालांकि, इसके लिए जॉइंट वेंचर की संभावनाओं की तलाश की जा सकती है।
 

jyoti choudhary

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