सरकार ने मत्स्यपालन के लिए अलग विभाग को अधिसूचित किया

Friday, Feb 08, 2019 - 07:10 PM (IST)

नई दिल्लीः सरकार ने मत्स्यपालन क्षेत्र का टिकाऊ और केंद्रित रूप से विकास सुनिश्चित करने के लिए कृषि मंत्रालय में एक अलग ‘मत्स्य विभाग’ बनाने की अधिसूचना जारी की है। अभी तक, मत्स्यपालन क्षेत्र पशुपालन, डेयरी और मत्स्य विभाग का हिस्सा था। अंतरिम बजट में, वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने मत्स्य पालन के लिए एक अलग विभाग बनाने की घोषणा की थी।

गजट अधिसूचना में कहा गया है कि इसी के अनुरूप सरकार ने वर्ष 1961 के व्यवसाय आवंटन नियमों में संशोधन करके मत्स्य पालन के लिए एक अलग विभाग बनाया गया है। विभाग का उद्देश्य मछली पकडऩे और मत्स्य पालन का विकास एवं विकास (अंतर्देशीय, समुद्री और क्षेत्रीय जल से आगे निर्धारित सीमा तक) और इसकी संबद्ध गतिविधियां का संवर्धन और विकास है। इन संबद्ध गतिविधियां में अवसंरचना विकास, विपणन, निर्यात और संस्थागत व्यवस्थाएं शामिल हैं।  

मत्स्य पालन के संबंध में तमाम आंकड़े रखने के अलावा, यह विभाग मछली स्टॉक आयात को विनियमित करेगा। यह विभाग, एक राज्य से दूसरे राज्य में मछली को प्रभावित करने वाले संक्रामक या संक्रामक रोगों अथवा कीटों के प्रसार को रोकने के लिए कदम उठाएगा। यह राज्य एजेंसियों/सहकारी समितियों के माध्यम से विभिन्न राज्य उपक्रमों, मत्स्य विकास योजनाओं को वित्तीय सहायता की पद्धति की ओर भी ध्यान देगा। 

पीयूष गोयल ने एक फरवरी को अंतरिम बजट पेश करते हुए कहा था कि मत्स्यपालन क्षेत्र हाल के वर्षों में औसतन सात प्रतिशत से अधिक की वार्षिक वृद्धि दर्ज कर रहा है। भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मछली उत्पादन करने वाला देश है जहां वैश्विक उत्पादन का 6.3 प्रतिशत पैदा होता है। उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र प्राथमिक स्तर पर लगभग 1.45 करोड़ लोगों को आजीविका प्रदान करता है। गोयल ने कहा था कि इस क्षेत्र के विकास के लिए टिकाऊ और केंद्रित रूप से ध्यान देने के लिए एक अलग विभाग बनाया जाना आवश्यक है। 

jyoti choudhary

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