सरकार ने जताई आशंका, GST कम्पोजिशन स्कीम का हो रहा गलत इस्तेमाल

Tuesday, Jan 02, 2018 - 12:04 PM (IST)

नई दिल्ली: छोटे कारोबारियों को फायदा दिलाने के लिए शुरू की गई जी.एस.टी. कम्पोजिशन स्कीम का दुरुपयोग होने की आशंका पैदा हो गई है। आशंका जताई जा रही है कि कारोबारी अपना सही टर्नओवर नहीं दिखा रहे, जिसकी वजह से सरकार को कम टैक्स मिल रहा है। जुलाई से सितम्बर के बीच 10 लाख कम्पनियों ने कम्पोजिशन स्कीम ली थी। इस स्कीम के तहत कारोबारियों को सिर्फ  अपनी कम्पनी की टर्नओवर डिटेल सांझा करनी होती है। इसके तहत टैक्स एक तय रेट पर चुकाया जाता है। इन 10 लाख में से 25 दिसम्बर तक 6 लाख लोगों ने रिटर्न फाइल किया है।

3 महीनों के दौरान कुल रकम 251 करोड़ रुपए रही है। इससे सालाना टर्नओवर 8 लाख रुपए तक होता है जबकि सरकार ने इस स्कीम के तहत औसत टर्नओवर 2 लाख रुपए रहने का अनुमान लगाया था। औसत अनुमान और रिटर्न के तौर पर सामने आ रहे टर्नओवर के आधार पर अधिकारी चिंता जता रहे हैं कि कहीं इस स्कीम के नाम पर सरकार को राजस्व का नुक्सान तो नहीं उठाना पड़ रहा। एक अधिकारी ने कहा कि हम योजना बना रहे थे कि इस स्कीम के तहत अधिकतम सीमा 1 करोड़ से ज्यादा बढ़ाई जाए लेकिन औसत डैक्लारेशन दिखाता है कि इसमें 8 लाख रुपए सालाना टर्नओवर है। ऐसे में हम यह सोच रहे हैं कि क्या अधिकतम सीमा बढ़ाने की जरूरत है भी कि नहीं। बता दें कि नवम्बर में जी.एस.टी. परिषद ने कम्पोजिशन स्कीम के लिए अधिकतम सीमा 1.5 करोड़ रुपए कर दी है।

सरकार के मन में यह आशंका पैदा हो गई है कि इस स्कीम का फायदा उठाने वाले कारोबारी कहीं जानबूझकर तो अपना टर्नओवर कम नहीं दिखा रहे। इससे सरकार का राजस्व कम हो रहा है। इसकी वजह से वित्त मंत्रालय ने आयकर के तहत अनुमानित कर भरने के लिए तय की गई सीमा की जांच करने का भी मन बना लिया है। इसके तहत सालाना आय की सीमा बढ़ाकर 2 करोड़ कर दी गई थी।  

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