मार्च 2018 तक एक और सरकारी बैंक के मर्जर को मंजूरी दे सकती है सरकार

Saturday, Jun 10, 2017 - 04:30 PM (IST)

नई दिल्लीः भारतीय स्टेट बैंक (एस.बी.आई.) में 6 बैंकों के विलय के बाद केंद्र सरकार मौजूदा वित्त वर्ष में अन्य बैंकों को मिलाए जाने के प्रस्ताव पर विचार कर रही है। सरकार का मकसद देश में वैश्विक स्तर के 4 से 5 बैंकों का निर्माण है।

अप्रैल में इन बैंकों का हुआ था विलय
एक अप्रैल 2017 से पांच सहयोगी और भारतीय महिला बैंक का एस.बी.आई. में विलय हो चुका है। इस विलय के बाद एस.बी.आई. दुनिया के 50 बड़े बैंकों की सूची में अपनी जगह बनाने में सफल रहा है। स्टेट बैंक में स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एंड जयपुर, स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर, स्टेट बैंक ऑफ पटिलाया. स्टेट बैंक ऑफ ट्रावणकोर के साथ भारतीय महिला बैंक का विलय किया जा चुका है। इसके बाद केंद्रीय वित्त मंत्रालय की योजना अन्य सरकारी बैंकों का विलय करने की है।

विलय से पहले CCI से लेनी होगी मंजूरी
वित्त मंत्रालय के एक बड़े अधिकारी के अनुसार, 'बैंकों का एकीकरण जरूरी है लेकिन इस बारे में फैसला सभी व्यावहारिकताओं को ध्यान में रखते हुए लिया जाएगा। अगर एन.पी.ए. की स्थिति में सुधार आता है तो इस वित्त वर्ष के आखिर तक एक और ऐसा विलय देखने को मिल सकता है।' 2016-17 में अप्रैल से दिसंबर के बीच सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का कुल एन.पी.ए. 1 लाख करोड़ रुपए से बढ़कर 6.06 लाख करोड़ रुपए हो चुका है। भविष्य में होने वाले ऐसे विलय से पहले अब सरकार को सी.सी.आई. से भी मंजूरी लेनी होगी।

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