सरकार को महंगाई घटने का भरोसा, अच्छे संकेत दे रहे मॉनसून के अनुमान

Friday, Apr 26, 2024 - 11:49 AM (IST)

नई दिल्लीः सरकार 2024 में मॉनसूनी बारिश सामान्य से ऊपर रहने के अनुमान के बीच खाद्य वस्तुओं की कीमत कम होने की उम्मीद कर रही है। गुरुवार को जारी वित्त मंत्रालय की मार्च की मासिक आर्थिक रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि आगे चलकर विदेशी मुद्रा की तेज आवक और व्यापार घाटा  अनुकूल रहने के कारण रुपए के बेहतर दायरे में रहने का अनुमान है। आर्थिक मामलों के विभाग द्वारा जारी मासिक रिपोर्ट में कहा गया है, ‘आने वाले समय में खाद्य कीमत में और कमी की संभावना है क्योंकि मौसम विभाग ने मॉनसून सीजन में सामान्य से अधिक बारिश का अनुमान लगाया है। इसकी वजह से बारिश के बेहतर वितरण रहने पर उत्पादन अधिक रह सकता है।’

वित्त मंत्रालय ने कहा है कि वित्त वर्ष 2023-24 में खुदरा महंगाई दर में उल्लेखनीय गिरावट आई है और यह कोविड-19 महामारी के बाद के निचले स्तर पर पहुंच गई है। खाद्य महंगाई फरवरी में 8.7 फीसदी थी, जो मार्च में घटकर 8.5 फीसदी पर आ गई। हालांकि भारतीय रिजर्व बैंक ने बुधवार को अर्थव्यवस्था की स्थिति पर अपनी रिपोर्ट में सावधानी का रुख अपनाया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि खुदरा महंगाई 4 फीसदी के लक्ष्य पास पहुंच रही है लेकिन मौसम खराब रहने, कच्चे तेल की कीमत बढ़ने और भू-राजनीतिक अनिश्चितता के कारण महंगाई का जोखिम बना हुआ है।

मासिक रिपोर्ट में कहा गया है कि वैश्विक चुनौतियों के बावजूद भारत का आर्थिक प्रदर्शन मजबूत रहा है, इससे सभी सेक्टरों में बेहतर प्रदर्शन के संकेत मिलते हैं। इससे वैश्विक विकास में भारत की महत्त्वपू्र्ण भूमिका की दावेदारी बनती है। रिपोर्ट में कहा गया है, ‘अंतरराष्ट्रीय संगठनों और रिजर्व बैंक के चालू वित्त वर्ष के ग्रोथ ऑउटलुक के आकलन के मुताबिक भारत प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था वाला देश बना हुआ है।’

वित्त मंत्रालय की रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रमुख संकेतकों से पता चलता है कि मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस दोनों क्षेत्रों के विस्तार से कुल मिलाकर आर्थिक गतिविधियों में तेजी बनी रहेगी। इसमें कहा गया है, ‘भू-राजनीतिक तनाव चिंता का विषय बना हुआ है। लेकिन हाल के घटनाक्रम के बावजूद जोखिम की धारणा नरम पड़ी है, जिससे वृद्धि की संभावना बढ़ी है।’ वित्त मंत्रालय उम्मीद कर रहा है कि विभिन्न क्षेत्रों में उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजनाओं के व्यापक इस्तेमाल के साथ व्यापार घाटा आने वाले वर्षों में कम होगा, भले ही वैश्विक व्यापार में सुस्ती से चुनौतियां सामने आ रही हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि वैश्विक व्यापार में सुस्ती के बीच इलेक्ट्रॉनिक्स के सामान देश के निर्यात बॉस्केट में अहम बनकर उभरे हैं।

मासिक रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2023-24 में भारत के कुल निर्यात में इलेक्ट्रॉनिक्स सामान की हिस्सेदारी 6.7 फीसदी थी। यह 2022-23 के 23.6 अरब डॉलर से बढ़कर वित्त वर्ष 2023-24 में 29.1 अरब डॉलर हो गया है। मासिक समीक्षा में कहा गया है कि ईएफटीए ट्रेड ऐंड इकोनॉमिक पार्टनरशिप एग्रीमेंट (TEPA) जैसे रणनीतिक व्यापार समझौतों से वैश्विक व्यापार में विस्तार को लेकर भारत की प्रतिबद्धता का पता चलता है।

jyoti choudhary

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