सरकार को उम्मीद, चालू वित्त वर्ष में 1.80 लाख करोड़ का डूबा कर्ज वसूलेंगे बैंक

Monday, Oct 29, 2018 - 10:51 AM (IST)

नई दिल्लीः दिवाला एवं शोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) के तहत कार्रवाई से सरकार को चालू वित्त वर्ष में बैंकों के 1.80 लाख करोड़ रुपए से अधिक के डूबे कर्ज की वसूली की उम्मीद है। वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि आईबीसी के तहत कुछ बड़े खातों का निपटान किया जा रहा है और कुछ अन्य का निपटान किया जाना है।

अधिकारी ने एस्सार स्टील और भूषण पावर एंड स्टील जैसे कुछ निपटान मामलों का उल्लेख करते हुए कहा कि सफलता की जो दर हासिल हो रही है उससे हमें उम्मीद है कि चालू वित्त वर्ष में आईबीसी और अन्य तरीकों से 1.80 लाख करोड़ रुपए से अधिक का डूबा कर्ज वसूला जा सकेगा जो हमारे लक्ष्य से अधिक है। भारतीय रिजर्व बैंक ने दिवाला प्रक्रिया के लिए जो 12 गैर निष्पादित आस्तियों (एनपीए) के मामले भेजे हैं, बैंकों को उनसे ही एक लाख करोड़ रुपये से अधिक की वसूली की उम्मीद है। बैंकों ने 2018-19 की पहली तिमाही में 36,551 करोड़ रुपए की वसूली की है। 2017-18 में बैंकों ने कुल 74,562 करोड़ रुपए की वसूली की थी।

आईबीसी की प्रगति से संतुष्ट वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा था कि अब लोग व्यापक रूप से समझ चुके हैं कि भारत में खेल के नियम बदल चुके हैं। अब बैंक आपका पीछा नहीं करेंगे, आपको उनके पीछे भागना होगा। इसकी वजह से वसूली बढ़ी है। उन्होंने कहा कि वसूली सिर्फ राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) में निपटान की वजह से नहीं बढ़ी है, बल्कि इसमें इस डर की वजह से भी तेजी आई है कि यदि वे लाल रेखा लांघेंगे तो उन्हें आईबीसी के तहत दंडित किया जा सकता है। इन 12 मामलों की सूची में दो बड़े मामले एस्सार स्टील और भूषण पावर एंड स्टील निपटान के अंतिम चरण में थे। वहीं बिनानी सीमेंट और जेपी इन्फ्राटेक के मामले भी प्रक्रिया में हैं। बैंकों को उम्मीद है कि एस्सार स्टील के 49,000 करोड़ रुपए के ऋण मामले में वे करीब 86 फीसदी की वसूली कर पाएंगे। आर्सेलरमित्तल ने एस्सार स्टील के लिए कुल 50,000 करोड़ रुपए की पेशकश की है। इसमें 8,000 करोड़ रुपएये का पूंजी निवेश भी शामिल है।      

Supreet Kaur

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