भ्रामक विज्ञापनों पर लगेगी लगाम, सरकार ने Naaptol और Sensodyne के खिलाफ जारी किया आदेश

Thursday, Feb 10, 2022 - 02:04 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) ने भ्रामक विज्ञापनों के खिलाफ कड़ा कदम उठाया है। CCPA ने भ्रामक विज्ञापन दिखाने का दोषी पाते हुए ग्लैक्सोस्मिथक्लाइन कंज्यूमर हेल्थकेयर लि. (GSK Consumer Healthcare) को भारत में सेंसोडाइन उत्पाद का विज्ञापन बंद करने का निर्देश दिया है। सीसीपीए ने एक विज्ञप्ति में कहा कि नियमों के उल्लंघन को लेकर विज्ञापन पर पाबंदी लगाई गई है। सीसीपीए ने मामले में स्वत: संज्ञान लिया और 27 जनवरी को ग्लैक्सोस्मिथक्लाइन कंज्यूमर हेल्थकेयर के खिलाफ आदेश पारित किया।

प्राधिकरण ने नापतोल ऑनलाइन शॉपिंग लिमिटेड के खिलाफ भी अपने उत्पादों के प्रचार-प्रसार में भ्रामक विज्ञापनों और अनुचित व्यापार गतिविधियों के इस्तेमाल के खिलाफ आदेश पारित किया है। वहीं सीसीपीए ने 2 फरवरी को नापतोल को विज्ञापन बंद करने का आदेश दिया।

सीसीपीए ने ग्लैक्सोस्मिथक्लाइन को देशभर में सेंसोडाइन के विज्ञापनों पर इस आदेश के एक सप्ताह के भीतर रोक लगाने को कहा है। आदेश में कहा गया है कि इन विज्ञापनों में दिखाया गया है कि देश से बाहर के दंत चिकित्सक इस टूथपेस्ट को अपनाने की सलाह दे रहे हैं। आदेश में कहा गया है कि कंपनी भारत में लागू कानून से अलग हटकर विदेशी दंत चिकित्सकों को इस बारे में सलाह देते हुए नहीं दिखा सकती।

नापतोल पर लगाया 10 लाख रुपए का जुर्माना
इसके अलावा सीसीपीए ने नापतोल ऑनलाइन शॉपिंग को सेट ऑफ 2 गोल्ड ज्वेलरी, मैग्नेटिक नी सपोर्ट और एक्यूप्रेशर योग स्लिपर्स के विज्ञापनों पर रोक लगाने का निर्देश दिया है। इसके अलावा नापतोल पर 10 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है।

आदेश में कहा गया है कि नापतोल को उपभोक्ताओं को बिक्री के लिए उत्पादों की पेशकश करने वाले एपिसोड में स्पष्ट रूप से उल्लेख करने के लिए निर्देशित किया गया था कि यह एक रिकॉर्ड किया गया एपिसोड है और उत्पादन की सूची की लाइव स्थिति नहीं दिखाता है। इसने नापतोल को उत्पादों की कृत्रिम कमी पैदा करने वाली किसी भी प्रथा को तुरंत बंद करने का निर्देश दिया, जिसमें यह दिखाना भी शामिल है कि उत्पाद केवल आज ही उपलब्ध है अगर यह अगले 30 दिनों के भीतर भी बिक्री पर होने वाला है।

कंपनी को प्रचार चलाने वाले अपने चैनल या प्लेटफॉर्म पर स्पष्ट रूप से प्रदर्शित करने के लिए कहा गया है कि यह एक प्री-रिकॉर्डेड एपिसोड है। सीसीपीए ने नापतोल को मई 2021 और जनवरी 2022 के बीच दर्ज शिकायतों का निवारण करने और 15 दिनों के भीतर एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का भी निर्देश दिया है।

jyoti choudhary

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