समय पर कर्ज नहीं चुकाने वाले बड़े कर्जदारों की जवाबदेही तय की सरकार ने: गोयल

Sunday, Dec 17, 2017 - 10:56 AM (IST)

नई दिल्लीः बैंकों की फसे कर्ज (एनपीए) की समस्या के लिये पिछली संप्रग सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि मौजूदा सरकार ने कर्ज नहीं चुकाने वाले बड़े बकायेदारों की जिम्मेदारी तय की है और विभिन्न उपायों के जरिए बैंकों को मजबूत किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि  भाजपा के सत्ता में आने से पहले नियमित रूप से कर्ज की वापसी नहीं करने के बावजूद 2008- 2014 के बीच बड़े कर्जदारों को बैंकों से कर्ज देने के लिए दबाव डाला जाता रहा।  

वास्तव में जो कर्ज एनपीए श्रेणी में जा चुके थे उन्हें नियमित कर्ज बनाये रखने के लिए कॉरपोरेट ऋण पुनर्गठन के तहत उनका पुनर्गठन किया गया।’’ उन्होंनें कहा कि ऐसा करके बैंकों के नुकसान और उनकी  संकटपूर्ण होती जा रही स्थिति को दबाव कर रखा गया। राजग सरकार ने बैंकों की मदद के लिए अनेक कदम उठाये। उनके खातों को साफ सुथरा बनाने के लिये कई उपाय किये गये। रिजर्व बैंक ने इसके लिये संपत्ति गुणवत्ता समीक्षा की यह भी उनमें से एक उपाय था।

गोयल ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्रों के बैंकों की ओर से दिया गया कर्ज 9 साल में करीब सात गुना बढ़कर मार्च 2005 में 8.08 लाख करोड़ से बढ़कर मार्च 2014 में 52.15 लाख करोड़ पर पहुंच गया।  हालांकि, इस दौरान सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की दर इस रफ्तार से नहीं बढ़ी।  इसका सीधा मतलब है कि इस दौरान राजनीतिक दबाव के चलते बेतरतीब कर्ज दिया गया।  जून 2017 को बैंकों की कर्ज में फंसी संपत्ति 7.33 लाख करोड़ रुपये हो गई जो कि मार्च 2015 में 2.75 लाख करोड़ रुपये पर थी। गोयल ने कहा कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली सप्रंग सरकार से विरासत में मिले इस बोझ को भाजपा सरकार अब ढो रही है। भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली मौजूदा सरकार इस समस्या के हल के लिए हर संभव कदम उठा रही है। 

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