मोटे अनाज को प्रोत्साहित कर रही सरकार, ''पौष्टिक धान्य वर्ष'' मनाने की तैयारी

Friday, Mar 23, 2018 - 12:38 PM (IST)

नई दिल्लीः कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने कहा कि सरकार पोषण सुरक्षा को हासिल करने के लिए मिशन स्तर पर रागी और ज्वार जैसे मोटे अनाज की खेती को प्रोत्साहित कर रही है। उन्होंने कहा कि बाजरा, जिसे कि पोषक अनाज कहा जाता है, को समर्थन मूल्य पर खरीदा जा रहा है और इसे मध्यान्ह भोजन योजना और सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के तहत शामिल किया जा रहा है।

सिंह ने कहा कि सरकार ने 2018 को राष्ट्रीय मोटे अनाज का वर्ष भी घोषित करने का निर्णय लिया है। पोषण सुरक्षा को प्राप्त करने के लिए बाजरा की खेती को बढ़ावा देने के प्रयास किए जा रहे हैं क्योंकि 2016-17 के फसल वर्ष में खेती का रकबा घटकर एक करोड़ 47.2 लाख हेक्टेयर रह गया जो रकबा वर्ष 1965 - 66 में तीन करोड़ 69 लाख हेक्टेयर था।

उन्होंने कहा कि खपत पद्धति में परिवर्तन, खानपान की आदतें, बाजरे की अनुपलब्धता, कम उपज, कम मांग तथा सिंचित भूमि को चावल और गेहूं उगाने के लिए इस्तेमाल किए जाने के कारण बाजरा सहित मोटे अनाज की खेती में कमी आई है। इसके परिणामस्वरूप, प्रोटीन, विटामिन ए, आयरन और आयोडीन जैसे पोषक तत्वों का स्तर महिलाओं और बच्चों में घटा है। इस कारण ज्वार, रागी सहित मोटे अनाज पर विशेष ध्यान गया है तथा नीति आयोग के सदस्य रमेश चन्द की अगुवाई वाली समिति की सिफारिशों के बाद राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (एनएफएसएम) के तहत इन मोटे अनाजों के उत्पादन को प्रोत्साहित किया जा रहा है।  

Punjab Kesari

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