'डिजिटल लेन-देन शुल्क की भरपाई सरकार करें'

Wednesday, Apr 05, 2017 - 07:09 PM (IST)

नई दिल्लीः कैशलेस अर्थव्यवस्था की राह में डिजिटल लेन-देन शुल्क को बाधा बताते हुए अखिल भारतीय व्यापारी परिसंघ (कैट) ने सरकार से आग्रह किया है कि इस प्रकार के लेन-देन में उपभोक्ता या व्यापारी से किसी भी प्रकार का शुल्क न/न लिया जाए और इसकी भरपाई सरकार द्वारा की जाए।

कैशलेस अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन देने के संदर्भ में कैट द्वारा आज यहां आयोजित गोलमेज सम्मेलन में संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी.सी. भरतिया ने वित्त मंत्री अरुण जेतली से आग्रह किया कि कैशलेस अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए सरकार डिजिटल लेन-देन का शुल्क समाप्त करे क्योंकि डिजिटल भुगतान अपनाने में सबसे बड़ी बाधा लेन-देन पर लगने वाला शुल्क ही है। उन्होंने कहा कि सरकार को डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए एक इंसेटिव योजना शुरू करनी चाहिए जिसमें डिजिटल भुगतान के प्रत्येक तरीके जैसे डैबिट-क्रैडिट कार्ड, मोबाइल वॉलेट, ई-वॉलेट, यू.पी.आई. आदि को शामिल करना चाहिए। 

कैट ने साथ ही यह भी सलाह दी कि लेसकैश को प्रोत्साहन देने के लिए सरकार को ए.टी.एम. से पैसे निकालने पर न्यूनतम सरचार्ज लगाना चाहिए ताकि ए.टी.एम. से अनावश्यक नकदी निकालने का चलन कम हो।  

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