लोन मोरेटोरियम न लेने वाले कर्जदारों को सरकार दे सकती है राहत, कैशबैक पर विचार

Sunday, Oct 04, 2020 - 05:36 PM (IST)

नई दिल्ली: केंद्र सरकार उन उधारकर्ता को कैशबैक देने की योजना पर विचार कर रही है जिन्होंने लोन मोरेटोरियम का लाभ नहीं उठाया है। वहीं, 2 करोड़ रुपए तक के कर्ज वाले एमएसएमई, जिन्होंने समय पर अपना बकाया चुकाया है उन्हें भी इस योजना का लाभ मिलने वाला है। लोन मोरेटोरियम का लाभ लेने वाले लोगों को ब्याज पर ब्याज वसूलने से रोका जाएगा। केंद्र सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि सभी को सामान लाभ ही मिलें।



सूत्रों के मुताबिक अगर इन कर्जदारों ने मोरेटोरियम का विकल्प चुना होता तो उन्हें कुछ लाभ जरूर मिलता। केंद्र सरकार इनका लाभ उन लोगों तक पहुंचाना चाहती है, जिन्होंने समय पर लोन रिपेमेंट जारी रखा है। ऐसे लोग जिन्होंने टाइम पर अपने बकाए का भुगतान किया है, उन्हें इसका लाभ नहीं देना अनुचित होगा। 


सुप्रीम कोर्ट से मंजूरी के बाद होगा फैसला
हालांकि, अगर सुप्रीम कोर्ट ब्याज पर ब्याज माफ करने की  बात को मंजूर कर लेता है और ऐसे उधारकर्ताओं के आंकड़े सामने आते हैं तो सरकार की तरफ से इस दिशा में कदम उठाए जाएंगे। बता दें कि बीते समय में कुछ राज्यों द्धारा कृषि लोन माफ किए जाने के बाद केंद्र और आरबीआई ने अपने बयान में कहा था कि ऐसा करने से ईमानदार उधारकर्ताओं के साथ ठीक नहीं हो रहा है।


जानें कितना पड़ेगा सरकारी खजाने पर बोझ
रेटिंग एजेंसी इकरा के उपाध्यक्ष अनिल गुप्ता ने कहा कि सरकार समय पर लोन रिपेमेंट करने वालों को ब्याज पर ब्याज में'नोशनल अमाउंट' को घटाकर कुछ राहत दे सकती है। उन्होंने कहा कि मान लीजिए कि अगर बैंकों व वित्तीय संस्थानों द्वारा दिए गए 30-40 फीसदी लोन भी इसके लिए योग्य होते हैं तो सरकार पर इसका बोझ 5 से 7 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा नहीं होगा।

अधिकारियों ने कहा कि बड़ी संख्या में ऐसे लोग हैं जिन्होंने पूरे छह महीने के दौरान मोरेटोरियम का विकल्प नहीं चुना। लेकिन कुछ ऐसे भी हैं जिन्होंने कुछ समय के लिए मोरेटोरियम का लाभ उठाया। फिलहाल सरकार के पास इससे जुड़े सभी आकंड़े मौजूद नहींं हैं।

rajesh kumar

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