छोटे कारोबारियों को राहत के संकेत, RCM को टाल सकती है सरकार

Thursday, Jul 05, 2018 - 02:24 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः जी.एस.टी. को लागू हुए एक साल हो गया है। इस एक साल के सफरनामे में जी.एस.टी. की दरों में काफी बदलाव हुए हैं। अब सरकार ने टैक्स घटाने का वादा दोहराते हुए कहा कि इसमें छोटे कारोबारियों को और सहूलियत दी जाएगी। इसके तहत कर चोरी रोकने का हथियार माने जा रहे रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म (आर.सी.एम.) को सरकार ने फिलहाल टाले जाने का संकेत दिया है।

सूत्रों के मुताबिक जी.एस.टी. के तहत 1.12 करोड़ कारोबारी पंजीकृत हैं। सरकार को इनसे 80 फीसदी तक राजस्व प्राप्त होता है। 1.12 करोड़ में से 90 लाख छोटे कारोबारी हैं जिनसे सरकार को 20 प्रतिशत राजस्व मिलता है। सूत्रों के अनुसार जी.एस.टी. में अभी तक रिटर्न और रिफंड की परेशानियां दूर नहीं हुई हैं। ऐसे में रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म लागू होने से छोटे कारोबारियों में नाराजगी बढ़ सकती है।

कारोबारियों पर बढ़ेगा बोझ
रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म से पंजीकृत कारोबारियों पर बोझ बढ़ेगा और वे गैर-पंजीकृत डीलरों से खरीद कम करेंगे। वैसे भी रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म के तौर-तरीकों को लेकर आखिरी फैसला जी.एस.टी. परिषद ने लेना है। रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म के साथ जी.एस.टी. में स्रोत पर कर कटौती (टी.डी.एस.) और स्रोत पर कर संग्रहण (टी.सी.एस.) को पहले भी टाला जा चुका है। अब यह छूट 30 सितम्बर तक बढ़ा दी गई है।

कर चोरी रोकने के दूसरे विकल्पों पर विचार
सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि 90 लाख कारोबारियों को परेशानी में डालने से ज्यादा टैक्स नहीं जुटाया जा सकेगा। ऐसे में यह उलटा कदम साबित हो सकता है। लिहाजा कर चोरी रोकने के अन्य विकल्पों को खंगाला जा रहा है।



पैट्रोल-डीजल आ सकते हैं दायरे में
जी.एस.टी. के दायरे में अभी पैट्रोल और डीजल नहीं हैं। पैट्रोल-डीजल पर 28 प्रतिशत जी.एस.टी. के साथ राज्यों को कुछ कर लगाने की अनुमति मिल सकती है। सरकार इस साल दिसम्बर तक जी.एस.टी. के तहत सिंगल टैक्स रिटर्न फार्म ला सकती है। नए रिटर्न फार्म और ई-वे बिल के मिलान से टैक्स चोरी रोकने में मदद मिल सकती है। 

Supreet Kaur

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