सरकारी बैंकों का होगा कायाकल्प, सरकार देने जा रही 28,600 करोड़ रुपए

Friday, Dec 28, 2018 - 11:27 AM (IST)

नई दिल्लीः बैंकों की हालत को देखते हुए सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के 7 कमजोर बैंकों को फंड जारी करने का विचार किया है। इस समय सरकारी बैंकों के हालात काफी खराब चल रहे हैं, जिन्हें सुधारने के लिए सरकार प्रयासरत है। इन बैंकों की वित्तीय सेहत सुधारने के लिए सरकार ने यह कदम उठाया है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक वित्त मंत्रालय इसके बारे में घोषणा कर सकता है। सूत्रों के मुताबिक केन्द्र सरकार इस महीने के अंत से पहले ही 28,615 करोड़ रुपए का फंड जारी कर सकती है। बैंकों को दी जाने वाली यह मदद पुनर्पूंजीकरण योजना का हिस्सा है, जिसके तहत कुल 2.11 लाख करोड़ रुपए की नई पूंजी बैंकों को मुहैया कराई जानी है। 

इन बैंकों को मिलेगा फंड
सरकार 28,615 करोड़ रुपए में से यूनाइटेड बैंक को 2159 करोड़ रुपए, सैंट्रल बैंक ऑफ इंडिया को 1678 करोड़, बैंक ऑफ इंडिया को 10,086 करोड़, यूको बैंक को 3056 करोड़, ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स को 5500 करोड़, बैंक ऑफ महाराष्ट्र को 4498 करोड़ और सिंडीकेट बैंक को 1638 करोड़ रुपए देने की घोषणा कर सकती है। 

आर्थिक स्थिति में होगा बदलाव
बैंकों को दी जाने वाली मदद की घोषणा करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेतली ने कहा कि इससे सरकारी बैंकों के कर्ज देने की क्षमता में इजाफा होगा और उन्हें आर.बी.आई. के प्रॉम्प्ट करैक्टिव एक्शन (पी.सी.ए.) से बाहर आने में मदद मिलेगी। सरकारी बैंकों के हालातों को देखते हुए सरकार ने इस विषय में विचार किया। फिलहाल इस राशि से सभी सरकारी बैंकों को काफी मदद मिलेगी और उनकी आर्थिक स्थिति में भी बदलाव होगा।

65,000 करोड़ रुपए बढ़ जाएगी बैंकों की पूंजी
चालू वित्त वर्ष के बचे हुए करीब साढ़े 3 महीनों के दौरान केन्द्र सरकार कमजोर सरकारी बैंकों में 83,000 करोड़ रुपए की पूंजी डालेगी। इस मदद के बाद इस वित्त वर्ष में सरकारी बैंकों को दी जाने वाली पूंजी 65,000 करोड़ रुपए से बढ़कर 1.06 लाख करोड़ हो जाएगी। सरकार ने संसद से 85,948 करोड़ रुपए के अतिरिक्त खर्च की मंजूरी मांगी है, जिसमें चालू वित्त वर्ष के दौरान कमजोर सरकारी बैंकों के पूंजीकरण के लिए दी जाने वाली 41,000 करोड़ रुपए की रकम शामिल है।

jyoti choudhary

Advertising