सरकारी बैकों का धोखाधड़ी में फंसा धन 51% घटकर 40,295 करोड़ रुपए पर

Sunday, May 15, 2022 - 06:36 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने कहा है कि मार्च, 2022 में समाप्त हुए वित्त वर्ष में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का धोखाधड़ी में फंसा धन 51 प्रतिशत घटकर 40,295.25 करोड़ रुपए रह गया है। सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत दी गई जानकारी में आरबीआई ने कहा कि 2020-21 के दौरान सार्वजनिक क्षेत्र के 12 बैंकों का 81,921.54 करोड़ रुपया धोखाधड़ी में फंसा था। मध्य प्रदेश के आरटीआई कार्यकर्ता चंद्रशेखर गौड़ के आरटीआई आवेदन के जवाब में केंद्रीय बैंक ने कहा कि इन बैंकों में 2021-22 में धोखाधड़ी के 7,940 मामले सामने आए, 2020-21 में यह संख्या 9,933 थी। 

आरबीआई के आंकड़ों के मुताबिक, 2021-22 के दौरान इन बैंकों में सामने आए धोखाधड़ी के मामलों में सर्वाधिक 9,528.95 करोड़ रुपए पंजाब नेशनल बैंक के फंसे हैं। बैंक में इस तरह के 431 मामले सामने आए हैं। भारतीय स्टेट बैंक में धोखाधड़ी के 4,192 मामले आए जिनमें बैंक के 6,932.37 करोड़ रुपए फंसे है। इसका मतलब है कि बैंक में धोखाधड़ी के ऐसे मामले ज्यादा हैं जिनमें गबन छोटी रकम का किया गया है। 

बैंक ऑफ इंडिया के धोखाधड़ी के मामलों में 5,923.99 करोड़ रुपए फंसे हैं (209 मामले), बैंक ऑफ बड़ौदा के 3,989.36 करोड़ रुपए (280 मामले), यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के 3,939 करोड़ रुपए (627 मामले) जबकि केनरा बैंक के 3,230.18 करोड़ रुपए महज 90 मामलों में फंसे हैं। इनके अलावा, इंडियन बैंक के 211 मामलों में 2,038.28 करोड़ रुपए, इंडियन ओवरसीज बैंक के 312 मामलों में 1,733.80 करोड़ रुपए, बैंक ऑफ महाराष्ट्र के 72 मामलों में 1,139.36 करोड़ रुपए, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के धोखाधड़ी के मामलों में 773.37 करोड़ रुपए, यूको बैंक के 114 मामलों में 611.54 करोड़ रुपए और पंजाब एंड सिंध बैंक के धोखाधड़ी के 159 मामलों में 455.04 करोड़ रुपए फंसे हैं। 
 

jyoti choudhary

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