राष्ट्रीय क्रिटिकल मिनरल मिशन को सरकार की मंजूरी, 34,300 करोड़ रुपए का होगा कुल निवेश
punjabkesari.in Thursday, Jan 30, 2025 - 12:51 PM (IST)
बिजनेस डेस्कः केंद्र सरकार ने बुधवार को राष्ट्रीय क्रिटिकल मिनरल मिशन (NCMM) को मंजूरी दे दी। इस मिशन का लक्ष्य भारत को महत्वपूर्ण खनिजों (Critical Minerals) के मामले में आत्मनिर्भर बनाना और हरित ऊर्जा (Green Energy) की दिशा में देश की प्रगति को तेज करना है। मिशन के तहत 16,300 करोड़ रुपए सरकार खर्च करेगी, जबकि 18,000 करोड़ रुपए सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों (PSUs) से निवेश के रूप में आएंगे। यह योजना सात वर्षों तक चलेगी।
किन खनिजों पर रहेगा फोकस?
क्रिटिकल मिनरल मिशन का उद्देश्य कॉपर, लिथियम, निकेल, कोबाल्ट और रेयर अर्थ एलिमेंट्स जैसे महत्वपूर्ण खनिजों की खोज को बढ़ावा देना है। ये खनिज इलेक्ट्रिक वाहनों, बैटरियों, पवन टरबाइन, बिजली नेटवर्क और अन्य स्वच्छ ऊर्जा तकनीकों के लिए आवश्यक हैं।
मिशन के मुख्य उद्देश्य
- देश और विदेशी क्षेत्रों में महत्वपूर्ण खनिजों की खोज और खनन को बढ़ावा देना।
- महत्वपूर्ण खनिजों के आयात पर निर्भरता कम करना और आत्मनिर्भरता हासिल करना।
- खनिज प्रसंस्करण (Mineral Processing) और रीसाइक्लिंग के लिए नई तकनीकों को विकसित करना।
- भारतीय सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों (PSUs) और निजी कंपनियों को विदेशों में खनिज ब्लॉक अधिग्रहण करने के लिए प्रोत्साहित करना।
- खनिज भंडारण सुविधा (Stockpile) का निर्माण करना ताकि संकट के समय आपूर्ति बनी रहे।
- मिनरल प्रोसेसिंग पार्क्स की स्थापना और खनिजों की रीसाइक्लिंग को समर्थन देना।
- क्रिटिकल मिनरल टेक्नोलॉजी पर रिसर्च को बढ़ावा देने के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना।
तेजी से मंजूरी प्रक्रिया और नीतिगत सुधार
इस मिशन के तहत, सरकार खनिज खनन परियोजनाओं के लिए तेजी से मंजूरी प्रक्रिया तैयार करेगी और खनिजों की खोज को बढ़ावा देने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करेगी।
खनन क्षेत्र में बड़े सुधार
सरकार ने 2023 में खनिज और खनन (विकास और विनियमन) अधिनियम, 1957 में संशोधन किया था, जिसके बाद 24 महत्वपूर्ण खनिज ब्लॉकों की नीलामी की गई। इसके अलावा, भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (GSI) पिछले तीन वर्षों में 368 अन्वेषण परियोजनाएं चला चुका है और 2024-25 में 195 परियोजनाएं चल रही हैं। वर्ष 2025-26 में, GSI 227 नई परियोजनाएं शुरू करेगा।
आयात शुल्क में छूट
सरकार ने वित्त वर्ष 2025 के बजट में अधिकांश महत्वपूर्ण खनिजों पर कस्टम ड्यूटी हटा दी है, जिससे देश में इन खनिजों की उपलब्धता बढ़ेगी और कंपनियों को प्रसंस्करण सुविधाएं स्थापित करने के लिए प्रेरित किया जाएगा। यह मिशन भारत को क्रिटिकल मिनरल आपूर्ति श्रृंखला में आत्मनिर्भर बनाने और स्वच्छ ऊर्जा संक्रमण को गति देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।