जेपी होमबायर्स के लिए खुशखबरी! जल्द ग्राहकों को मिलेंगे अपने घर
Monday, Dec 02, 2019 - 11:31 AM (IST)
नई दिल्लीः जेपी इन्फ्राटेक के 20,000 फ्लैटों के पूरा होने में अब वक्त कम लग सकता है। अधिग्रहण के लिए सरकारी कंपनी एनबीसीसी लिमिटेड कर्जदाताओं को और अधिक जमीनें दे सकती है। सूत्रों के मुताबिक, एनबीसीसी ज्यादा जमीन और कुछ बेनामी फ्लैट की जगह स्पष्ट मालिकाना हक वाली कुछ और जमीन देने पर विचार कर रही है। मकान खरीदारों के लिए एनबीसीसी निर्माणाधीन फ्लैटों को पूरा करने की समय-सीमा को कम करने पर विचार कर रही है, जो 17 नवंबर की बोली में चार साल प्रस्तावित किया गया था।
बीते 28 नवंबर को कमिटी ऑफ क्रेडिटर्स (CoC) की अंतिम बैठक में कर्जदाताओं ने एनबीसीसी लिमिटेड और सुरक्षा रियल्टी से अपनी पेशकश को अधिक आकर्षक बनाने और तीन दिसंबर तक अंतिम बोली जमा करने को कहा था। मामले से जुड़े सूत्रों ने कहा था कि ऋणदाताओं की समिति ने कंपनियों को बोली संशोधित करने के लिए कहने से पहले एनबीसीसी और सुरक्षा रियल्टी के प्रतिनिधियों से बातचीत की। बैंक चाहते हैं कि सार्वजनिक कंपनी एनबीसीसी मौजूदा पेशकश की 600 एकड़ से ज्यादा की भूमि और कुछ बेनामी फ्लैट की जगह स्पष्ट मालिकाना हक वाली कुछ और जमीन दे। यह जमीन मुकदमेबाजी में फंसी है।
नई बोलियां 17 नवंबर को जमा की गई
कर्जदाताओं की समिति की बैठक में शामिल एनबीसीसी और सुरक्षा रियल्टी के अधिकारियों ने कहा कि वित्तीय कर्जदाताओं की मांग पर विचार किया जाएगा। दिवाला प्रक्रिया से गुजर रही जेपी इन्फ्राटेक के अधिग्रहण की दौड़ में दो कंपनियां एनबीसीसी और सुरक्षा रियल्टी शामिल हैं। शीर्ष न्यायालय के निर्देश के मुताबिक, दोनों कंपनियों ने 17 नवंबर को नई बोलियां जमा की हैं।
इसके अलावा, वे बिना किसी देनदारी के पूरी यमुना एक्सप्रेसवे परियोजना का हस्तांतरण चाहते हैं। सूत्रों ने कहा कि मुंबई की सुरक्षा रियल्टी से ऋणदाताओं के अग्रिम भुगतान की राशि को बढ़ाने के लिए कहा गया है। वहीं, घर खरीदारों ने फ्लैट के निर्माण में भारी देरी के लिए एनबीसीसी से क्षतिपूर्ति देने के लिए कहा है। साथ ही, सुरक्षा रियल्टी से मुआवजे की राशि को बढ़ाने के लिए कहा गया है। उसने देरी के लिए मुआवजे के रूप में 100 करोड़ रुपए की भूमि निर्धारित की है।