त्यौहारी सीजन में सोने की मांग 8 साल के निचले स्तर पर

Friday, Nov 27, 2015 - 05:10 PM (IST)

मुंबईः अक्तूबर से दिसंबर का तिमाही का दौर भारत में त्यौहारी और वैवाहिक सीजन का होता है। इस दौरान सोने-चांदी के जेवरातों की खरीददारी खासी बढ़ जाती है लेकिन इस साल यह गिरावट का सामना कर रहा है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक लगातार कई सालों से पड़ रहे सूखे और निवेशकों की ओर से सोने-चांदी की खरीद में कमी ने खरीददारी पर बड़ा असर डाला है। 
 

लगातार चल रहे सूखे की वजह से किसानों की आय में कमी आई है, इसकी वजह से शादियों के सीजन में भी सोने-चांदी की खरीद नहीं कर पा रहे हैं। अनुमान के मुताबिक इस तिमाही के दौरान सोने की खरीददारी में बीते 8 साल की तुलना में सबसे अधिक गिरावट आ सकती है। लगातार कम हो रही मांग के चलते सोने का आयात बीते साल की तुलना में आधा हो सकता है।
 
इस महीने की ही बात करें तो सोने की मांग पिछले 5 साल के स्तर की तुलना में न्यूनतम स्तर पर है। ऑल इंडिया जूलरी ट्रेड फेडरेशन के निदेशक बच्छराज बमलवा के मुताबिक अक्तूबर-दिसंबर तिमाही में सोने की मांग 150 से 175 टन तक रह सकती है। पिछले साल इस दौरान 201 टन सोने की खरीददारी की गई थी। वर्ल्ड गोल्ड काऊंसिल के मुताबिक 5 साल का सोने की खरीददारी का औसतन 231 टन रहा है। इस लिहाज से यह बड़ी गिरावट कही जा सकती है।
 
पूरे एक साल के दौरान देश में सोने की जितनी खरीददारी होती है, उसके एक तिहाई की खरीद दिसंबर तिमाही में होती है लेकिन इस बार बाजार पर हालात की मार है। दिवाली,धनतेरस जैसे पर्वों और शादियों के सीजन के बावजूद लोग सोने पर दांव लगाने से बच रहे हैं। सोने की दो-तिहाई खरीददारी देश में ग्रामीण लोग करते हैं लेकिन खराब मॉनसून ने उनकी हालत पतली कर दी है। जिससे वह खरीददारी नहीं कर पा रहे हैं।
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