घर में पड़ा सोना बेचने जा रहे हैं, तो जरुर पढ़े यह खबर

Thursday, Nov 24, 2016 - 12:16 PM (IST)

नई दिल्लीः नोटबंदी के बाद सोने के प्रति लोगों का नजरिया बदल रहा है। भारत में हमेशा से सोने की खरीद एवं बिक्री धड़ल्ले से होती रही है। लेकिन अब हालात बदल गए हैं। पुराना सोने (स्क्रैप गोल्ड) के कारोबारी अब सोने के बदले चेक या नेट बैंकिंग से भुगतान पर जोर दे रहे हैं लेकिन ग्राहक इसके लिए तैयार नहीं हैं। इसकी वजह यह है कि चेक लेकर सोना बेचने पर रकम बही-खाते में दिखेगी जिससे दीर्घ अवधि का पूंजीगत लाभ कर लागू हो सकता है।

पुराने सोने का बाजार है सालाना 90-100 टन 
पुराना सोना अमूमन वह सोना या आभूषण होता है, जिसे पहले खरीदा गया होता है और बाद में उसे बेचा जाता है। विश्व स्वर्ण परिषद (डब्ल्यू.जी.सी.) के आंकड़ों के अनुसार भारत में पुराने सोने का बाजार सालाना 90-100 टन है। जब सोने की कीमतें अधिक होती हैं तो पुराने सोने की आपूर्ति बढ़ जाती है, जैसा कि इस साल जून तिमाही में देखा गया था। अगर सोने के पुराने आभूषण या नए आभूषण खरीदने के लिए पुराने आभूषणों की बिक्री पर गौर करें तो पुराने सोने का बाजार सालाना 300 टन हो जाता है।

इस समय केवल चेक से हो रहा है भुगतान 
मुंबई के जवेरी बाजार में पुराने सोने का कारोबार करने वाले चोकसी अरविंद ज्वैलर के कपिल चोकसी कहते हैं, 'हम सोने के बदले इस समय केवल चेक से भुगतान कर रहे हैं। इस वजह से पुराने सोने का कारोबार घटा है।' चोकसी पहले रोजाना एक किलो से ज्यादा पुराना सोना खरीदते थे, लेकिन अब रोजाना 100 से 200 ग्राम का ही सौदा हो पा रहा है। दक्षिण भारत के एक कारोबारी ने कहा, 'जिस तरह पहले सोने के लिए लोग नकदी देने के लिए तैयार रहते थे अब शायद वैसी बात नहीं दिखेगी। खासकर जब पुराने सोने का सौदा 2 लाख रुपए से अधिक होगा तो कारोबारी नकद भुगतान करने से परहेज करेंगे।'

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