अप्रैल-नवम्बर के बीच सोने की चमक पड़ी फीकी, आयात में आई गिरावट

Friday, Jan 03, 2020 - 11:02 AM (IST)

बिजनेस डेस्क: चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-नवम्बर अवधि में गोल्ड के आयात में 7 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई और यह करीब 20.57 अरब डॉलर रह गया है। वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष 2018-19 की इसी अवधि में यह आंकड़ा 22.16 अरब डॉलर था। वहीं रत्न एवं आभूषण निर्यात अप्रैल-नवम्बर अवधि में करीब 1.5 प्रतिशत गिरकर 20.5 अरब डॉलर रहा। मूल्य के आधार पर देश का गोल्ड आयात 2018-19 में करीब 3 प्रतिशत गिरकर 32.8 अरब डॉलर रहा। इस बीच रत्न एवं आभूषण निर्यात संवद्र्धन परिषद (जी.जे.ई.पी.सी.) ने आयात शुल्क में कमी की मांग की है। यहां बता दें कि भारत दुनिया में सबसे बड़ा गोल्ड आयातक है और मुख्य रूप से आभूषण उद्योग की मांग को पूरा करने के लिए आयात किया जाता है।

 

सालाना गोल्ड आयात 800-900 टन
देश का सालाना गोल्ड आयात 800-900 टन है। सरकार ने व्यापार घाटा और चालू खाते के घाटे पर गोल्ड के आयात के नकारात्मक प्रभाव कम करने के लिए इस साल के बजट में गोल्ड पर आयात शुल्क 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 12.5 प्रतिशत किया। उद्योग विशेषज्ञों के मुताबिक इस क्षेत्र में काम कर रही कम्पनियां उच्च शुल्क के कारण अपना मैन्युफैक्चरिंग बेस पड़ोसी देशों में स्थानांतरित कर रही हैं।

 

व्यापार घाटे को कम करने में मदद
गोल्ड के आयात में कमी से देश के व्यापार घाटे को कम करने में मदद मिली है। दरअसल 2019-20 के अप्रैल-नवम्बर में व्यापार घाटा कम होकर 106.84 अरब डॉलर रहा। एक साल पहले इसी अवधि में व्यापार घाटा 133.74 अरब डॉलर पर था। आर.बी.आई. के आंकड़ों के मुताबिक 2019-20 की जुलाई-सितम्बर अवधि में चालू खाते का घाटा (कैड) कम होकर 6.3 अरब डॉलर या जी.डी.पी. के 0.9 प्रतिशत पर रहा। एक साल पहले इसी समय यह आंकड़ा 19 अरब डॉलर यानी जी.डी.पी. के 2.9 प्रतिशत पर था।


सोना 80, चांदी 200 रुपए चमकी
विदेशों में दोनों कीमती धातुओं में रही तेजी और स्थानीय जेवराती ग्राहकी आने से दिल्ली सर्राफा बाजार में सोना 80 रुपए चमककर 40,350 रुपए प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया। चांदी भी 200 रुपए मजबूत होकर 47,650 रुपए प्रति किलोग्राम बिकी। वैश्विक स्तर पर डॉलर की चमक घटने से सोना हाजिर 2.98 डॉलर चढ़कर 1,519.80 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गया। वहीं चांदी हाजिर भी 0.02 डॉलर चमककर 17.85 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गई।  
 

vasudha

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