इन दिनों बढ़ सकती है सोने की तस्करी!

Thursday, Sep 28, 2017 - 12:59 PM (IST)

नई दिल्लीः इस बार त्योहारी सीजन पर देश में सोने की तस्करी बढऩे की संभावना है। इसकी वजह यह है कि आभूषण खरीदार नए बिक्री कर और पारदर्शिता नियमों से बचने की कोशिश कर रहे हैं। अगस्त में सोने की बिक्री को धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत लाया गया है। इस कानून के तहत सराफों के लिए 50,000 रुपए से अधिक का सौदा करने पर ग्राहकों के निजी पहचान क्रमांक या लेनदेन के टैक्स कोड नंबर का ब्योरा रखना अनिवार्य हो गया है। देश में आम तौर पर साल के आखिरी तीन महीनों में सोने की मांग बढ़ती है क्योंकि ग्राहक शादी-विवाह और दीवाली एवं दशहरे जैसे त्योहारों पर खरीदारी करते हैं।

इंडिया बुलियन ऐंड ज्वैलर्स एसोसिएशन के सचिव सुरेंद्र मेहता ने कहा, 'सरकार ने पी.एम.एल.ए. कानून लागू किया है, लेकिन उसने इसे लोकप्रिय बनाने के लिए प्रयास नहीं किए। ग्राहक इस कानून के बारे में नहीं जानते हैं और आवश्यक जानकारियां देने में हिचक रहे हैं।' उन्होंने कहा कि त्योहारी सीजन में अवैध बिक्री बढ़ेगी क्योंकि कुछ ग्राहक बिना बिलों के खरीदारी की कोशिश कर रहे हैं।' कर से बचने की कोशिशें अगस्त 2013 में सरकार द्वारा सोने पर आयात शुल्क बढ़ाकर 10 फीसदी करने के नतीजों की याद दिलाती हैं। इस शुल्क से मांग तो कम नहीं हो पाई, मगर तस्करी के नेटवर्क फिर सक्रिय हो गए। विश्व स्वर्ण परिषद का अनुमान है कि भारत में वर्ष 2016 में तस्करी से 120 टन सोना आया, जो कुल आयात का लगभग 20 फीसदी था। 

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