केंद्र सरकार का फरमान, बगैर आधार कार्ड वाले गरीबों को भी मिलता रहे राशन

Friday, Oct 27, 2017 - 03:57 PM (IST)

नई दिल्लीः केन्द्र सरकार ने राज्यों को निर्देश दिया है कि वे किसी ऐसे लाभार्थी को सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पी.डी.एस.) का लाभ देने से इनकार न करें जिनके पास आधार कार्ड न हो अथवा उसका राशन कार्ड 12 अंकों के बायोमीट्रिक पहचान से जुड़ा न हो। उसने कहा है कि इसका उल्लंघन होने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। उसने राज्य सरकार से यह भी कहा है कि आधार कार्ड नहीं होने के लिए लाभार्थियों की सूची से योग्य पात्र घरों के नाम को हटाया न जाए। इस सप्ताह सभी राज्यों को इस संदर्भ में एक निर्देश जारी किया गया है। इससे पूर्व एक घटना में झारखंड की एक 11 वर्षीय लड़की को पीडीएस का राशन नहीं दिए जाने के बाद उसकी कथित तौर पर भूख के कारण मौत हो गई थी।

हर गरीब को मिलना चाहिए राशन
अपने निर्देश में केन्द्रीय खाद्य मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि उपयुक्त तरीके से किए गए जांच के बाद बगैर शक के यह स्थापित होता हो कि राशन कार्डधारक के संबंध में जानकारी सही नहीं है, केवल तभी राशनकार्ड के डाटाबेस से नाम को हटाया जा सकता है।  प्रदेश के अधिकारी को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि आधार कार्ड नहीं होने के कारण लाभार्थियों को खाली हाथ न लौटाया जाए तथा इस संबंध में सारे अपवादों की सूचना अलग से एक लॉगबुक में दर्ज की जाए। इस बारे में आधारकार्ड जारी करने वाला निकाय भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकार (यू.आई.डी.ए.आई.) के सीईओ अजय भूषण पांडे ने बताया, ‘‘इसका मकसद यह सुनिश्चित करना है कि आधारकार्ड न होने, लिंकिंग न होने अथवा बायोमीट्रिक पहचान पुष्टि में तकनीकी दिक्कतों के कारण किसी को भी राशन का लाभ प्राप्त करने से न रोका जाए। अगर इंसान सही हो उसे राशन के मामले में लाभ देना चाहिए।’’

31 मार्च तक लिंक कराना होगा आधार कार्ड 
खाद्य मंत्रालय ने कहा कि जिनके पास आधारकार्ड नहीं है उनको आधारकार्ड नामांकन सुविधा प्रदान करने के लिए राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों को व्यवस्था करनी होगी तथा उनके आधार संख्या को राशन कार्ड से जोड़ना होगा। उसने आगाह किया कि इस अधिसूचना के प्रावधानों का उल्लंघन करने के लिए सख्त कार्रवाई की जाएगी। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के अनुसार राज्यों को आधार को राशन कार्डो से जोड़ने के लिए दिसंबर तक की समयसीमा दी गई है। हालांकि केन्द्र सरकार ने कल उच्चतम न्यायालय को कहा कि सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ प्राप्त करने के लिए आधार संख्या को अनिवार्य तौर पर जोड़ने की समयसीमा को उन लोगों के लिए अगले वर्ष के 31 मार्च तक के लिए बढ़ाया जाएगा, जिनके पास 12 अंकों वाली बायोमीट्रिक पहचान संख्या नहीं है।

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