पीएम-जय के तहत मुफ्त अस्पताल देखभाल 1.2 लाख करोड़ रुपए के पार

punjabkesari.in Wednesday, Jan 29, 2025 - 02:55 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PM-JAY) के तहत अब तक 1.2 लाख करोड़ रुपए से अधिक के मुफ्त अस्पताल उपचार का लाभ दिया जा चुका है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, इस योजना के तहत अब तक 8.59 करोड़ से अधिक लोगों को लाभ मिला है। PM-JAY के तहत हर लाभार्थी को सालाना 5 लाख रुपए तक का मुफ्त स्वास्थ्य बीमा मिलता है। सितंबर 2018 में शुरू की गई इस योजना के तहत देश के 10.7 करोड़ गरीब परिवारों को कवर किया गया है, जो भारत की लगभग 40% आबादी के बराबर है। योजना शुरू होने से पहले अनुमानित 62% स्वास्थ्य खर्च लोगों को अपनी जेब से वहन करना पड़ता था, जिससे हर साल लाखों भारतीय गरीबी में धकेले जाते थे।

तमिलनाडु, कर्नाटक, राजस्थान सबसे बड़े लाभार्थी

तमिलनाडु, कर्नाटक, राजस्थान, केरल, आंध्र प्रदेश और गुजरात के लोग इस योजना के तहत सबसे अधिक लाभान्वित हुए हैं।

PM-JAY के तहत लगभग 2,000 चिकित्सा प्रक्रियाओं के लिए कैशलेस इलाज की सुविधा दी जाती है। इसमें इलाज, दवाएं, डायग्नोस्टिक सेवाएं, डॉक्टर की फीस, ऑपरेशन थिएटर चार्ज, ICU खर्च आदि शामिल हैं।

अब तक सबसे अधिक इस्तेमाल किए गए इलाजों में जनरल मेडिसिन, संक्रामक रोग, जनरल सर्जरी, मेडिकल ऑन्कोलॉजी, नेत्र रोग और ऑर्थोपेडिक्स शामिल हैं। इसके अलावा, हीमोडायलिसिस, कोविड-19 की स्क्रीनिंग, मल्टीपल पैकेज और एक्यूट फीब्राइल इलनेस जैसी प्रक्रियाएं भी प्रमुख रूप से लाभार्थियों द्वारा कराई गई हैं।

अब तक 36.54 करोड़ आयुष्मान कार्ड जारी

अब तक 36.54 करोड़ से अधिक आयुष्मान कार्ड जारी किए जा चुके हैं। देशभर में 31,077 सरकारी और निजी अस्पताल इस योजना में सूचीबद्ध हैं।

सरकार ने हाल ही में वरिष्ठ नागरिकों (70 वर्ष से अधिक) को आय सीमा की बाध्यता के बिना इस योजना में शामिल करने का फैसला किया है। वहीं, संसदीय वित्त समिति ने सिफारिश की है कि इसे 'मिसिंग मिडिल' वर्ग (जो सरकारी या निजी स्वास्थ्य बीमा से बाहर हैं) के लिए एक सशुल्क योजना के रूप में विस्तारित किया जाए। नीति आयोग की 2021 की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में लगभग 40 करोड़ लोग किसी भी स्वास्थ्य बीमा से वंचित हैं।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन को मिला 5 साल का विस्तार

सरकार आगामी बजट में कोविड काल में शुरू की गई स्वास्थ्य योजनाओं को और मजबूत करने की योजना बना रही है। वहीं, केंद्र सरकार ने पिछले हफ्ते राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) को अगले पांच सालों तक बढ़ाने की मंजूरी दी है। NHM को 2005 में ग्रामीण स्वास्थ्य योजना के रूप में शुरू किया गया था, जिसे बाद में व्यापक बनाया गया।

विशेषज्ञों का मानना है कि भारत के सार्वजनिक स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत करने के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार की आवश्यकता है, जिसे आगामी बजट में प्राथमिकता मिल सकती है।
 


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Content Writer

jyoti choudhary

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