फ्रांस ने सस्ते श्रम कानून को समाप्त करने के प्रयास किए तेज

Thursday, Aug 24, 2017 - 02:53 PM (IST)

आस्ट्रियाः फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों ने पूर्वी और मध्य यूरोप के नेताओं से बात करने के बाद कहा कि यूरोपीय संघ सस्ते कामगारों से संबंधित एक विवादित नियम खत्म करने के बेहद करीब पहुंच गया है। यूरोपीय संघ का एक नियम पोस्टेड वर्कर्स डायरेक्टिव कंपनियों को इस बात की इजाजत देता है कि वे कम श्रम वाले देशों के अस्थायी श्रमिकों को संघ के दूसरे देशों में बिना स्थानीय शुल्क दिए भेज सकते हैं। फ्रांस जैसे धनी देशों ने इस नियम का विरोध किया है। मैक्रों ने इस नियम को यूरोपीय भावना का अपमान बताया है।

श्रम साधनों पर पड़ेगा प्रभाव
मैक्रों इस नियम को समाप्त करने के लिए समर्थन जुटाने के उद्देश्य से आस्ट्रिया, रोमानिया और बुल्गारिया के तीन दिनों के कूटनीतिक दौरे पर हैं। उन्हें इस मुहिम में अब तक पूर्वी एवं मध्य यूरोपीय देशों के प्रतिरोध का सामना करना पड़ा है। उन्होंने कल शाम संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘हमने अक्टूबर में इसका वास्तविक हल निकालने की मजबूत इच्छा जाहिर की है। हमारी बातचीत इस दिशा में एक ठोस कदम है।’’ इस नियम से यूरोप के श्रम साधनों पर महज एक फीसदी प्रभाव पड़ता है। यह नियम सीमा पार कारोबार को तेज करने के लिए 1996 में लागू किया गया था।

पोलैंड को फायदा
आलोचकों का कहना है कि पूर्वी यूरोपीय देशों के संघ में शामिल होने के बाद से इसका दुरूपयोग शुरू हो गया है। आस्ट्रिया और फ्रांस में सर्वाधिक अस्थायी कर्मचारी आते हैं। वह जर्मनी और आस्ट्रिया के समर्थन से इन अस्थायी नौकरियों की समय सीमा 12 महीने करना चाहता है। हंगरी और पोलैंड इस मुहिम में फ्रांस के मुखर विरोध में हैं। इस नियम से सर्वाधिक फायदा पोलैंड को होता है। पोलैंड की कंपनियों ने वहां के करीब पांच लाख लोगों को यूरोपीय संघ के अन्य देशों में नियुक्त कर रखा है।      

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