FPI ने बीते साल भारतीय पूंजी बाजारों से 83,000 करोड़ रुपए निकाले

Sunday, Jan 06, 2019 - 11:12 AM (IST)

नई दिल्लीः अमेरिका में ब्याज दर बढऩे, कच्चा तेल की वैश्विक कीमतों में तेजी आने तथा रुपए में गिरावट की वजह वर्ष 2018 में विदेशी निवेशकों ने भारतीय पूंजी बाजारों से 83,000 करोड़ रुपए से अधिक की निकासी की। इससे पिछले साल यानी 2017 में विदेशी निवेशकों ने भारतीय पूंजी बाजारों में रिकॉर्ड दो लाख करोड़ रुपए का निवेश किया था। 

मॉर्निंगस्टार इंवेस्टमेंट एडवाइजर के वरिष्ठ विश्लेषक हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि 2019 में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) सतर्कता से निर्णय लेंगे, जब तक कि आर्थिक सुधार के ठोस संकेत न मिलें और लोकसभा चुनाव के बाद स्थिर सरकार बनना सुनिश्चित न हो। डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, एफपीआई ने 2018 में घरेलू बाजार से 83,146 करोड़ रुपए की निकासी की। इनमें से 33,553 करोड़ रुपए शेयर बाजारों से तथा 49,593 करोड़ रुपए बांड बाजारों से निकाले गए। यह 2002 के बाद एफपीआई के संदर्भ में भारतीय बाजार के लिए सबसे बुरा साल रहा है।

फंड्सइंडिया डॉट कॉम में म्यूचुअल फंड शोध की प्रमुख विद्या बाला ने कहा, ‘‘अमेरिका में ब्याज दर बढऩे और दुनिया भर में पोर्टफोलियो धन में फेरबदल होने, रुपए के गिरने तथा कच्चे तेल में तेजी आने से एफपीआई ने निकासी की है।’’ वर्ष 2018 से पहले एफपीआई लगातार छह साल शुद्ध निवेशक रहे थे। उन्होंने 2017 में 51 हजार करोड़ रुपए, 2016 में 20,500 करोड़ रुपए, 2015 में 17,800 करोड़ रुपए, 2014 में 97 हजार करोड़ रुपए, 2013 में 1.13 लाख करोड़ रुपए और 2012 में 1.28 लाख करोड़ रुपए का निवेश किया था। वहीं 2011 और 2008 में उन्होंने पूंजी बाजारों से निकासी की थी।  

jyoti choudhary

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