नोटबंदीः फॉक्सकॉन ने 25% स्टाफ को छुट्टी पर भेजा

Monday, Dec 12, 2016 - 11:39 AM (IST)

नई दिल्लीः दुनिया की सबसे बड़ी कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरर कंपनी फॉक्सकॉन ने अपने 8,000 फैक्ट्री वर्कर्स में से करीब एक चौथाई को दो हफ्तों के लिए पेड लीव पर भेज दिया है। नोटबंदी के सरकारी फरमान के बाद कैश क्रंच की स्थिति बनने से कंपनी को प्रॉडक्शन आधा करना पड़ा है तथा फोन सेल्स लगभग 50% तक घट गई है।

इंडस्ट्री से जुड़े लोगों का कहना है कि नोटबंदी के बाद से मोबाइल फोन की मंथली सेल्स आधी होकर 175-200 करोड़ रुपए पर आ गई है और हालात सुधरने की उम्मीद नजर नहीं आ रही है। इंटेक्स, लावा और कार्बन सहित बड़ी लोकल कंपनियां या तो छंटनी करने या अपने वर्कफोर्स के 10 से 40 पर्सेंट हिस्से को काम बंद करने की योजना बना रही हैं। लावा अपना प्लांट 12 दिसंबर से एक हफ्ते के लिए बंद कर रही है। वहां करीब 5,000 लोग काम करते हैं। सूत्रों ने बताया कि दूसरी कंपनियां भी जल्द यही राह पकड़ सकती हैं।

फॉक्सकॉन चाइना की शाओमी, ओपो और जियोनी के अलावा इनफोकस और नोकिया के साथ लावा, इंटेक्स, कार्बन और माइक्रोमैक्स के लिए डिवाइसेज भी बनाती है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि इंडिया में असेंबल होने वाले हैंडसेट्स में से करीब 50% फॉक्सकॉन तैयार करती है।

फॉक्सकान की मैन्युफैक्चरिंग डिटेल्स जानने वाले एक इंडस्ट्री एग्जिक्युटिव ने कहा, 'आंध्र प्रदेश के श्री सिटी में चार प्लांट हर महीने 12 लाख फोन बनाने की कपैसिटी पर काम कर रहे हैं। पहले वहां 25 लाख फोन बना करते थे।' कंपनी ने करीब 1700 कर्मचारियों को या तो रेग्युलर काम से हटा दिया है या उन्हें दो हफ्तों के लिए जबरन पेड लीव पर भेज दिया है।
 

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