वर्ल्ड बैंक के पूर्व चीफ इकनॉमिस्ट ने भारत की इकोनॉमी पर जताई चिंता, बताया क्यों गिर रही है अर्थव्यव
punjabkesari.in Sunday, Dec 06, 2020 - 05:38 PM (IST)
बिजनेस डेस्कः विश्व बैंक के पूर्व चीफ इकनॉमिस्ट कौशिक बसु ने भारत की अर्थव्यवस्था पर चिंता जताते हुए कहा है कि 2010 में जो अर्थव्यवस्था 10 फीसदी तक पॉजिटिव थी, वह 2020 तक 10 फीसदी निगेटिव हो गई है। उन्होंने कहा है कि यह बहुत ही दुर्लभ स्थिति है, जिससे दुनिया भर के विशेषज्ञ चिंतिंत हैं। उन्होंने कहा कि इस बात के पुख्ता सबूत हैं कि किसी भी देश की ग्रोथ सिर्फ इकनॉमिक पॉलिसी पर निर्भर नहीं करती, बल्कि समाज के भरोसा का भी उसमें अहम रोल होता है। लोगों में विभाजन होने और नफरत बढ़ने की वजह से लोगों का भरोसा खत्म होता जा रहा है।
पहले भी जताई थी इकनॉमी पर चिंता
कौशिक बसु ने भारत की अर्थव्यवस्था पर चिंता जताते हुए कुछ समय पहले भी एक ट्वीट किया था। कौशिक बसु ने अपने ट्वीट में लिखा था कि देश के भले के लिए हमें इन आंकड़ों पर एक नजर डालनी चाहिए। ये एशिया में ग्रोथ और कोरोना का आंकड़ा है। इसे देख कर ये साफ तौर पर नहीं कहा जा सकता है भारत की अर्थव्यवस्था गिरने की वजह कोरोना पर कंट्रोल के लिए उठाए गए कदम हैं। हम इस वक्त उस स्थिति में हैं, जो हमने पहले कभी नहीं देखी। हमें फैक्ट्स का सामना करने की जरूरत है और उसी के हिसाब से पॉलिसी में सुधार करने की जरूरत है। इस वक्त गरीबों को वित्तीय मदद की जरूरत है।
उन्होंने एशिया के देशों की ग्रोथ और वहां कोरोना के मामलों में ग्रोथ के आंकड़े को कंपाइल करते हुए नवंबर 2017 तक के आंकड़ों के हिसाब से एक टेबल शेयर की है। इस टेबल के हिसाब से देखा जाए तो ग्रोथ के मामले में बांग्लादेश 3.8 फीसदी की ग्रोथ के साथ सबसे ऊपर है, जबकि भारत 14 देशों की इस लिस्ट में -10.3 फीसदी की ग्रोथ के साथ सबसे नीचे है। वहीं दूसरा आंकड़ा है कोरोना के मामलों का जिसमें भूटान में प्रति 10 लाख लोगों पर कोरोना से एक भी शख्स की मौत नहीं हुई है, जबकि भारत में प्रति 10 लाख लोगों पर कोरोना से 95 लोगों की मौत हुई है।