RBI के पूर्व गवर्नर ने कहा, अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए सरकार उठा रही सही कदम

Saturday, May 30, 2020 - 04:17 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः कोरोना वायरस से निपटने के लिए देश में 31 मई तक लॉकडाउन लागू है। इसका असर देश की अर्थव्यवस्था पर खासा देखने को मिला है। वहीं, इसके बाद भी कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए सही कदम उठा रही है। इसमें भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के पूर्व गवर्नर बिमल जालान भी शामिल हैं।

आरबीआई के पूर्व गवर्नर ने सरकार द्वारा कोविड-19 से प्रभावित अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए उठाए गए कदमों को काफी सकारात्मक करार दिया है। उन्होंने उम्मीद जताई कि इन उपायों से अर्थव्यवस्था में गिरावट को रोकने में मदद मिलेगी।

जालान ने कहा कि आज स्थिति 1991 के भुगतान संतुलन के संकट जैसी नहीं है। आज भारत के पास संसाधन हैं। साथ ही किसी भी संकट के लिए विदेशी मुद्रा का भंडार है। जालान ने कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जिन उपायों की घोषणा की है वे काफी सकारात्मक हैं।

जालान ने एक साक्षात्कार में कहा कि आपने सही कहा कि ये सभी आपूर्ति पक्ष के उपाय हैं, मांग पक्ष के नहीं। वृहद आर्थिक दृष्टि से देखा जाए, तो अर्थव्यवस्था में आप यह उम्मीद नहीं कर सकते कि ऊंचे राजकोषीय घाटे से वृद्धि दर भी ऊंची होगी। 
 
अमेरिका और ब्रिटेन जैसे देशों से तुलना सही नहीं
सरकार ने कोविड-19 संकट के बीच इसी महीने 20.97 लाख करोड़ रुपए के आर्थिक पैकेज की घोषणा की है। इसमें रिजर्व बैंक के 8.01 लाख करोड़ रुपए के तरलता उपाय भी शामिल हैं। इन आलोचनाओं की अमेरिका और ब्रिटेन जैसे देशों की तुलना में भारत का आर्थिक पैकेज काफी कम है, जालान ने कहा कि विकसित और विकासशील देशों में अंतर होता है।

जालान ने कहा कि यदि आप विकसित देशों को देखें, तो उनकी वृद्धि दर दो या तीन फीसदी है, लेकिन इसके बावजूद उनकी प्रति व्यक्ति आय काफी अधिक है। उन्होंने कहा कि विकासशील देशों में छह से सात फीसदी की ऊंची वृद्धि दर में आपको महंगाई को भी काबू में रखना होता है, जिससे प्रति व्यक्ति आय बढ़े।
 

jyoti choudhary

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