कोरोना महामारी के बावजूद विदेशी निवेशकों ने किया भारत का रुख, 2020 में FDI 13% बढ़ा

Monday, Jan 25, 2021 - 02:28 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः पिछले साल भारत के लिए प्रत्यक्ष विदेशी निवेश वैश्विक ट्रेंड के बिल्कुल उलट रहा है। एक तरफ दुनियाभर में एफडीआई ग्रोथ में 42 फीसदी तक की गिरावट रही, वहीं दूसरी तरफ भारत के लिए इसमें 13 फीसदी का इजाफा हुआ है। 2019 में वैश्विक स्तर पर एफडीआई करीब 1.5 ट्रिलियन डॉलर रहा था लेकिन 2020 में यह कम होकर 859 ​अरब डॉलर के स्तर पर आ गया। यूनाइटेड नेशंस कॉन्फ्रेंस ऑन ट्रेड एंड डेवलपमेंट (UNCTAD) द्वारा जारी किए गए 38वें वैश्विक निवेश ट्रेन्ड मॉनिटर की एक रिपोर्ट से यह जानकारी मिलती है। इस रिपोर्ट में आगे यह भी बताया गया कि 2020 के अंत तक एफडीआई का स्तर 2009 के वैश्विक वित्तीय संकट (Global Financial Crisis) से भी 30 फीसदी तक नीचे रहा। यह 1990 के दशक के स्तर पर रहा।

2020 के दौरान एफडीआई में यह रिकॉर्ड गिरावट विकसित देशों में सबसे ज्यादा देखने को मिली। इन देशों में कुल एफडीआई करीब 69 फीसदी कम होकर 229 अरब डॉलर पर आ गई। यूरोप समेत दुनियाभर के कई देशों में एफडीआई निवेश निगेटिव दायरे में भी देखने को मिला। अमेरिका में यह 49 फीसदी घटकर 134 अरब डॉलर पर रही। जबकि, भारत में 2020 के दौरान कुल प्रत्यक्ष विदेशी निवेश 13 फीसदी तक बढ़ा। रिपोर्ट में बताया गया कि डिजिटल सेक्टर में निवेश की वजह से यह तेजी देखने को मिली।

चीन में आया सबसे ज्यादा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश
विकासशील देशों में एफडीआई में 12 फीसदी की गिरावट देखने को मिली और यह 616 अरब डॉलर पर रही। वैश्विक एफडीआई में विकासशील अर्थव्यवस्थाओं की हिस्सेदारी 72 फीसदी तक पहुंच चुकी है। यह अब तक का उच्चतम रिकॉर्ड है। सबसे ज्यादा एफडीआई प्राप्त करने वाले देशों में चीन पहले स्थान पर रहने में कामयाब रहा।

पूर्वी एशिया की हिस्सेदारी एक तिहाई तक पहुंची
विकासशील क्षेत्रों में एफडीआई में गिरावट एक समान नहीं रहा। लैटिन अमेरिका और कैरेबियाई क्षेत्र में यह 37 फीसदी लुढ़का, जबकि अफ्रीकी देशों में 18 फीसदी और एशियाई देशों में 4 फीसदी तक लुढ़का है। वैश्विक एफडीआई 2020 में पूर्वी एशिया की हिस्सेदारी बढ़कर एक तिहाई तक पहुंच चुकी है।  

jyoti choudhary

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