डेबिट-क्रेडिट कार्ड के साथ अन्य साधनों की समानता के उद्देश्य से फॉरेन एक्सचेंज इंडस्ट्री ने की ये मांग
punjabkesari.in Saturday, Jun 03, 2023 - 04:24 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः फॉरेन एक्सचेंज इंडस्ट्री ने 1 जुलाई, 2023 से प्रभावी होने वाले लिब्रलाइज़्ड रेमिटेंस स्कीम (एलआरएस) के तहत 20% टैक्स कलेक्शन एट सोर्स (TCS) के लागू होने के बारे में गंभीर चिंता व्यक्त की है। हाल ही में वित्त मंत्रालय ने स्पष्ट किया था कि डेबिट और क्रेडिट कार्ड का उपयोग पर विदेश में किए जाने वाले लेन-देन पर एक निम्न मूल्य तक टीसीएस छूट दी जाएगी। यह छूट प्रति वित्तीय वर्ष के लिए 7 लाख रुपए तक के न्यूनतम मूल्य की होगी।
हालांकि, इस दौरान इससे न्यूनतम मूल्य के लेनदेन के संबंध में कोई विशेष स्पष्टीकरण नहीं दिया गया था, जिसमें विदेशी मुद्रा नकद, बैंकों के माध्यम से वायर ट्रांसफर्स, प्री-पेड फॉरेक्स कार्ड्स और अन्य अंतर्राष्ट्रीय भुगतान विकल्प शामिल हैं, जिनका उपयोग व्यक्तियों द्वारा अवकाश या रोजगार के लिए विदेशी यात्राओं के दौरान व्यापक रूप से किया जाता है। ऑल इंडिया एसोसिएशन ऑफ ऑथराइज्ड मनी चेंजर्स एंड मनी ट्रांसफर एजेंट्स ने उपरोक्त चिंताओं के संबंध में वित्त मंत्रालय को एक फॉर्म्युलेशन प्रस्तुत किया है
ऑल इंडिया एसोसिएशन ऑफ ऑथराइज्ड मनी चेंजर्स एंड मनी ट्रांसफर एजेंट्स के जनरल सेक्रेटरी भास्कर राव पी ने कहा, "मनी एक्सचेंज इंडस्ट्री को उम्मीद है कि सरकार 7 लाख रुपए के छोटे मूल्य वाले सभी विदेशी लेन-देन के लिए एक समान अवसर सुनिश्चित करेगी, भले ही फिर उनके द्वारा किसी भी साधन का उपयोग किया गया हो। आम लोग विदेशी मुद्रा नकद (अधिकतम 3000 अमरीकी डॉलर तक), प्रीपेड विदेशी मुद्रा यात्रा कार्ड और वायर ट्रांसफर का उपयोग करते हैं, जबकि उच्च वर्ग अंतरराष्ट्रीय डेबिट और क्रेडिट कार्ड का उपयोग करता है।