LPG के बाद अब मोदी सरकार के निशाने पर फूड सब्सिडी

Tuesday, Apr 25, 2017 - 06:07 PM (IST)

नई दिल्लीः गिव-इट-कैंपेन की अभूतपूर्व सफलता के बाद जिसमें करीब 1 करोड़ लोगों ने कुकिंग गैस पर सब्सिडी छोड़ दी थी, केंद्र ने सभी राज्य सरकारों को अपनी बढ़ती खाद्य सब्सिडी बिल में कटौती करने के लिए समान योजना के समर्थन की मांग की है। सूत्र के मुताबिक केन्द्रीय खाद्य मंत्रालय ने राज्यों से कहा है कि गिव-इट-अप योजना को लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली (टी.पी.डी.एस.) के तहत पदोन्नत किया जाना चाहिए। मंत्रालय चाहता है कि देशभर की उचित मूल्य पर सामान उपलब्ध करवाने वालीं 5 लाख दुकानों में चावल और गेहूं के लिए सब्सिडी की वास्तविक लागत प्रदर्शित की जाए,ताकि जो लोग इसे वहन कर सकते हैं उन्हें इसे छोड़ने के लिए कहा जा सकता है।

केंद्र सरकार ने गेंहू और चावल पर क्रमश: सब्सिडी के तौर पर 21.09 रुपए और 29.64 रुपए प्रति किलोग्राम का खर्चा किया है। हालांकि खाद्य मंत्रालय की यह योजना केंद्र सरकार की उस योजना का हिस्सा है ताकि कल्याणकारी निधियों के रिसाव को कम और लाभों को सीमित किया जा सके ताकि वास्तव में जरूरतमंद लोगों तक इसकी पहुंच बनाई जा सके। सूत्र ने बताया कि टी.पी.डी.एस. के लिए गिव इट अप योजना को लागू करना और अधिक मुश्किल होगा।

Advertising